गगनयान मिशन के लिये एचएस 200 सॉलिड रॉकेट बूस्टर
- 01 Jun 2022
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 13 मई, 2022 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC) में गगनयान मिशन के लिए मानव-अनुकूल सॉलिड रॉकेट बूस्टर 'एचएस200' (human-rated solid rocket booster HS200) का स्थैतिक परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया।
(Image Source: https://www.isro.gov.in/)
महत्वपूर्ण तथ्य: एचएस200 बूस्टर का डिजाइन और विकास तिरुवनंतपुरम में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) में पूरा किया गया।
- 'एचएस200' बूस्टर जीएसएलवी एमके-III (GSLV Mk-III) पर इस्तेमाल किए गए 'एस200' रॉकेट बूस्टर का 'मानव अनुकूलित' (human-rated) संस्करण है, जिसे LVM3 के नाम से जाना जाता है।
- गगनयान मिशन के लिये उपयोग किये जाने वाले जीएसएलवी एमके-III रॉकेट में दो 'एचएस200' बूस्टर होंगे, जो लिफ्ट-ऑफ के लिये इसे थ्रस्ट प्रदान करेंगे।
- एचएस200 3.2 मीटर के व्यास के साथ 20 मीटर लंबा बूस्टर है और ठोस प्रणोदक का उपयोग करने वाला दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा प्रचालनात्मक बूस्टर (operational booster) है।
- चूंकि गगनयान एक मानवयुक्त मिशन है, जीएसएलवी एमके-III में 'मानव अनुकूलन' की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विश्वसनीयता और सुरक्षा बढ़ाने के लिए सुधार होंगे।
- जीएसएलवी एमके-III के तीन प्रणोदन चरणों में से, दूसरा चरण द्रव प्रणोदक का उपयोग करता है जबकि तीसरा क्रायोजेनिक चरण है।
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
राष्ट्रीय
- राजनीति और प्रशासन
- अवसंरचना
- आंतरिक सुरक्षा
- आदिवासियों से संबंधित मुद्दे
- कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ
- कार्यकारी और न्यायपालिका
- कार्यक्रम और योजनाएँ
- कृषि
- गरीबी और भूख
- जैवविविधता संरक्षण
- पर्यावरण
- पर्यावरण प्रदूषण, गिरावट और जलवायु परिवर्तन
- पारदर्शिता और जवाबदेही
- बैंकिंग व वित्त
- भारत को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह
- भारतीय अर्थव्यवस्था
- रक्षा और सुरक्षा
- राजव्यवस्था और शासन
- राजव्यवस्था और शासन
- रैंकिंग, रिपोर्ट, सर्वेक्षण और सूचकांक
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- शिक्षा
- सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
- सांविधिक, विनियामक और अर्ध-न्यायिक निकाय
- स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे