प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के लिए जागरूकता शुभंकर 'प्रकृति' और हरित पहल
- 03 May 2022
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने 5 अप्रैल, 2022 को प्रभावी प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के लिए जागरूकता शुभंकर 'प्रकृति' और हरित पहल को लॉन्च किया।
महत्वपूर्ण तथ्य: भारत सालाना लगभग 3.5 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा पैदा कर रहा है और प्रति व्यक्ति प्लास्टिक कचरा उत्पादन पिछले पांच वर्षों में लगभग दोगुना हो गया है।
- शुभंकर 'प्रकृति' को जन जागरूकता फैलाने के लिए लॉन्च किया गया है कि कैसे हमारी जीवन शैली में छोटे बदलावों को अपनाने से पर्यावरण की स्थिरता में बड़ी भूमिका हो सकती है।
- प्लास्टिक प्रदूषण की चुनौती से निपटने के लिए, भारत ने 2022 तक सिंगल यूज प्लास्टिक को समाप्त करने का संकल्प लिया है।
हरित पहल: सिंगल यूज प्लास्टिक के उन्मूलन और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन पर ‘राष्ट्रीय डैशबोर्ड’ के माध्यम से सिंगल यूज प्लास्टिक के उन्मूलन के लिए सभी हितधारकों को एक साथ लाना।
- प्लास्टिक पैकेजिंग के लिए जवाबदेही, पता लगाने की योग्यता, पारदर्शिता में सुधार लाने के क्रम में विस्तारित ‘उत्पादक उत्तरदायित्व पोर्टल’।
- नागरिकों को प्लास्टिक के खतरे से निपटने के लिए सशक्त बनाने के लिए ‘सिंगल यूज प्लास्टिक शिकायत निवारण के लिए मोबाइल ऐप’।
- सिंगल यूज प्लास्टिकपर प्रतिबंध को लागू करने को लेकर स्थानीय निकायों आदि के लिए ‘सिंगल यूज प्लास्टिक के लिए निगरानी मॉड्यूल’।
- प्लास्टिक कचरे का पुनर्चक्रण करने के उद्देश्य से अपशिष्ट ‘प्लास्टिक से ग्राफीन के औद्योगिक उत्पादन’ को प्रोसाहन।
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