पैराबॉइल्ड राइस
- 02 May 2022
अप्रैल 2022 में केंद्र सरकार ने अतिरिक्त ‘आधे पके चावलों’/ पैराबॉइल्ड राइस (Parboiled Rice) की खरीद बंद करने के बारे में जानकारी दी है।
(Image Source: https://www.mealgarden.com/)
महत्वपूर्ण तथ्य: पैराबॉइल्ड राइस, मिलिंग (Milling) से पहले ‘धान की अवस्था’ में आंशिक रूप से उबाले गए चावल होते हैं।
- चावल को उबालना कोई नई प्रथा नहीं है, और भारत में प्राचीन काल से इसका उपयोग किया जाता रहा है।
- तेलंगाना 'आधे पके चावलों’ का एक प्रमुख उत्पादक है।
- चावल को हल्का उबालने की कई प्रक्रियाएँ हैं। धान प्रसंस्करण अनुसंधान केंद्र, तंजावुर एक विधि का अनुसरण करता है, जिसे 'क्रोमेट भिगोने की प्रक्रिया' (chromate soaking process) के रूप में जाना जाता है।
- सभी प्रक्रियाओं में आम तौर पर तीन चरण शामिल होते हैं- भिगोना, भाप देना और सुखाना। इन चरणों से गुजरने के बाद धान को 'मिलिंग' के लिए भेजा जाता है।
लाभ: उबालने से चावल सख्त हो जाते हैं। इससे मिलिंग के दौरान चावल की गिरी के टूटने की संभावना कम हो जाती है।
- हल्का उबालने से चावल के पोषक तत्व भी बढ़ जाते हैं। इसके अलावा उबले हुए चावल में कीड़ों और फंगस के प्रति अधिक प्रतिरोध होता है।
हानि? हल्के उबालने से चावल गहरे रंग के हो जाते हैं और लंबे समय तक भिगोने के कारण इसमें अप्रिय गंध आ सकती हैं।
- इसके अलावा, एक 'चावल मिल इकाई' स्थापित करने के लिए कच्चे चावल मिलिंग इकाई की तुलना में अधिक निवेश की आवश्यकता होती है।
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