रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 में संशोधन
- 02 May 2022
रक्षा क्षेत्र में 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भरता' को बढ़ावा देने के लिए 25 अप्रैल, 2022 को रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 में संशोधन किया गया है।
महत्वपूर्ण तथ्य: रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 को निम्नलिखित के संबंध में रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) द्वारा दी गई मंजूरी के आधार पर संशोधित किया गया है-
- रक्षा सेवाओं और भारतीय तटरक्षक की सभी आधुनिकीकरण आवश्यकताओं की पूर्ति खरीद की प्रकृति के बावजूद स्वदेशी रूप से की जानी है।
- पूंजी अधिग्रहण के विदेशी उद्योग से रक्षा उपकरण/सोर्सिंग का आयात केवल एक अपवाद होना चाहिए और डीएसी/रक्षा मंत्री के विशिष्ट अनुमोदन के साथ किया जाना चाहिए।
- इंटेग्रिटी पैक्ट बैंक गारंटी (IPBG) की आवश्यकता को समाप्त कर दिया गया है। इसके बजाय, स्वीकृति की आवश्यकता (Acceptance of Necessity: AoN) की लागत 100 करोड़ रुपए से अधिक के सभी अधिग्रहण मामलों के लिए बयाना राशि जमा को बोली सुरक्षा राशि के रूप में लिया जाएगा।
- रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 की आईडीईएक्स (iDEX) प्रक्रिया के तहत खरीद प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। इस सरलीकरण के साथ, AoN के अनुदान से अनुबंध पर हस्ताक्षर करने में लगने वाला समय घटकर 22 सप्ताह हो जाएगा।
- मेक-II प्रक्रिया में समय-सीमा को मौजूदा कुल समयावधि 122-180 सप्ताह से घटाकर 101-109 सप्ताह कर दिया जाएगा।
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
राष्ट्रीय
- राजनीति और प्रशासन
- अवसंरचना
- आंतरिक सुरक्षा
- आदिवासियों से संबंधित मुद्दे
- कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ
- कार्यकारी और न्यायपालिका
- कार्यक्रम और योजनाएँ
- कृषि
- गरीबी और भूख
- जैवविविधता संरक्षण
- पर्यावरण
- पर्यावरण प्रदूषण, गिरावट और जलवायु परिवर्तन
- पारदर्शिता और जवाबदेही
- बैंकिंग व वित्त
- भारत को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह
- भारतीय अर्थव्यवस्था
- रक्षा और सुरक्षा
- राजव्यवस्था और शासन
- राजव्यवस्था और शासन
- रैंकिंग, रिपोर्ट, सर्वेक्षण और सूचकांक
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- शिक्षा
- सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
- सांविधिक, विनियामक और अर्ध-न्यायिक निकाय
- स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे