आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) विधेयक 2022
- 29 Apr 2022
6 अप्रैल, 2022 को संसद द्वारा ‘आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) विधेयक 2022’ [Criminal Procedure (Identification) Bill 2022] पारित किया गया। इस विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है।
महत्वपूर्ण तथ्य: यह पुलिस और जेल अधिकारियों को रेटिना और आईरिस स्कैन सहित भौतिक और जैविक नमूनों को एकत्र करने, संग्रहीत करने और विश्लेषण करने की अनुमति देगा।
- विधेयक इन प्रावधानों को किसी भी निवारक निरोध कानून के तहत पकड़े गए व्यक्तियों पर भी लागू करने का प्रयास करता है।
- इसके तहत माप लेने की अनुमति देने का विरोध या इनकार करने को भारतीय दंड संहिता की धारा 186 के तहत अपराध माना जाएगा।
- राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) भौतिक और जैविक नमूनों, हस्ताक्षर और हस्तलेखन डेटा का भंडार होगा, जिसे कम से कम 75 वर्षों तक संरक्षित किया जा सकता है।
- विधेयक कैदियों की पहचान अधिनियम, 1920 को निरस्त करने का प्रयास करता है, जिसका दायरा एक मजिस्ट्रेट के आदेश पर सीमित श्रेणी के दोषी और गैर-दोषी व्यक्तियों के केवल फिंगरप्रिंट (Fingerprint) और पदचिह्न (Footprint) को रिकॉर्ड करने तक सीमित था।
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