निधि (संशोधन) नियम 2022
- 28 Apr 2022
20 अप्रैल, 2022 को कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने निधि कंपनियों (Nidhi companies) को नियंत्रित करने वाले निधि नियम, 2014 में संशोधन किया है, जिसके तहत कुछ संस्थाओं द्वारा जमा स्वीकार करना शुरू करने से पहले इसकी पूर्व घोषणा अनिवार्य होगी।
(Image Source: https://www.newindianexpress.com/)
महत्वपूर्ण तथ्य: अब, निधि के रूप में कार्य करने की इच्छुक सार्वजनिक कंपनियों को जमा स्वीकार करने से पहले केंद्र सरकार से पूर्व घोषणा प्राप्त करनी होगी।
- एक निधि कंपनी, जो विशेष रूप से तमिलनाडु जैसे- दक्षिणी राज्यों में लोकप्रिय है, एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी है।
- निधि कंपनियों का मुख्य व्यवसाय उधार लेना और अपने सदस्यों के बीच पैसा उधार देना है।
- इसके अलावा दस लाख रुपए की शेयर पूंजी के साथ निधि कंपनी के रूप में गठित फर्म को खुद को ‘निधि’ घोषित करने के लिए न्यूनतम 200 की सदस्यता के साथ एनडीएच-4 फॉर्म के जरिये आवेदन करना होगा।
- ऐसी कंपनियों का 'शुद्ध स्वामित्व वाला कोष' (Net Owned Fund) गठन के 120 दिन के अंदर 20 लाख रुपये होना चाहिए।
- समय पर निपटान के लिए संशोधित नियमों में यह भी प्रावधान किया गया है कि यदि एनडीएच-4 फॉर्म में कंपनियों द्वारा आवेदन प्राप्त होने के 45 दिनों के भीतर केंद्र सरकार द्वारा कोई निर्णय नहीं दिया जाता है, तो मंजूरी को स्वीकृत माना जाएगा। यह उन कंपनियों पर लागू होगा जो निधि (संशोधन) नियम, 2022 के बाद निगमित होंगी।
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
राष्ट्रीय
- राजनीति और प्रशासन
- अवसंरचना
- आंतरिक सुरक्षा
- आदिवासियों से संबंधित मुद्दे
- कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ
- कार्यकारी और न्यायपालिका
- कार्यक्रम और योजनाएँ
- कृषि
- गरीबी और भूख
- जैवविविधता संरक्षण
- पर्यावरण
- पर्यावरण प्रदूषण, गिरावट और जलवायु परिवर्तन
- पारदर्शिता और जवाबदेही
- बैंकिंग व वित्त
- भारत को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह
- भारतीय अर्थव्यवस्था
- रक्षा और सुरक्षा
- राजव्यवस्था और शासन
- राजव्यवस्था और शासन
- रैंकिंग, रिपोर्ट, सर्वेक्षण और सूचकांक
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- शिक्षा
- सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
- सांविधिक, विनियामक और अर्ध-न्यायिक निकाय
- स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे