भारत में कोयले की कमी
- 27 Apr 2022
19 अप्रैल, 2022 के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भारत में 100 से अधिक ताप विद्युत संयंत्रों में कोयले का स्टॉक महत्वपूर्ण आवश्यक स्टॉक से 25% नीचे गिर गया है।
महत्वपूर्ण तथ्य: 50 से अधिक ताप विद्युत संयंत्रों में, स्टॉक 10% से नीचे गिर गया है, जिससे राज्यों को भारत के एकमात्र कोयला उत्पादक कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) से अतिरिक्त कोयले की आपूर्ति की मांग करनी पड़ी है।
- भारत की 70% बिजली की मांग ताप विद्युत संयंत्रों द्वारा पूरी की जाती है, जो ज्यादातर कोयले से संचालित होते हैं।
कोयले की कमी का कारण: कोयले की कमी का सबसे बड़ा कारण बिजली की बढ़ती मांग है। बिजली की मांग 2019 में 106.6 बिलयन यूनिट प्रति माह से 2021 में बढ़कर 124.2 बिलयन यूनिट प्रति माह हो गई थी, जो अब 2022 में, बढ़कर 132 बिलयन यूनिट प्रति माह हो गई।
- 2021 में केंद्र का कहना था कि गुजरात, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली और तमिलनाडु जैसे कोयला खनन क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण कोयला उत्पादन कम हुआ है।
- इसके अलावा केंद्र ने कहा कि आयातित कोयले से बिजली उत्पादन में 43.6% की कमी आई है, जिससे 17.4 मीट्रिक टन घरेलू कोयले की अतिरिक्त मांग हुई, जिससे कोयला भंडार और कम हो गया।
- 'फिच' के अनुसार, अप्रैल 2022 में भारत में 'दैनिक बिजली की कमी' (daily electricity deficit) 0.3% से बढ़कर 1% हो गई है।
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