भारत को मिले एस-400 प्रशिक्षण उपकरण
- 23 Apr 2022
यूक्रेन में जारी युद्ध के कारण रूस से ‘एस-400’ (S-400) की दूसरी खेप की डिलीवरी में देरी हो रही है। हालांकि एस-400 ट्रायम्फ एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की प्रशिक्षण स्क्वाड्रन के लिए सिमुलेटर और अन्य उपकरण प्राप्त हुए हैं।
महत्वपूर्ण तथ्य: भारत ने दिसंबर 2021 में पहली एस-400 खेप प्राप्त की थी, जिनमें पांच खेप को रूस से अक्टूबर 2018 में हस्ताक्षरित 5.43 बिलियन डॉलर के सौदे के तहत अनुबंधित किया गया था।
- यह पहली इकाई पंजाब में तैनात की गई है और वर्तमान में परिचालन में है।
- ‘काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट’ (Countering America’s Adversaries Through Sanctions Act: CAATSA) के तहत अमेरिकी प्रतिबंधों की धमकी के बीच, भारत और रूस ने इस सौदे के लिए रुपया-रूबल विनिमय के माध्यम से भुगतान पर काम किया था।
- दोनों पक्ष अब बड़े द्विपक्षीय व्यापार के लिए इसी तरह के भुगतान मार्ग तलाश रहे हैं।
- चीन के पास भी यह 'एस-400 ट्रायम्फ' (S-400 Triumf) लंबी दूरी की वायु रक्षा प्रणाली है, जिसे वर्तमान में भारत द्वारा शामिल किया जा रहा है।
एस-400 क्या है? इसे दुनिया में सबसे उन्नत और शक्तिशाली वायु रक्षा प्रणालियों में से एक माना जाता है।
- यह एक लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है।
- 'एस-400 ट्रायम्फ’ ड्रोन, मिसाइल, रॉकेट और यहां तक कि लड़ाकू जेट सहित लगभग सभी प्रकार के हवाई हमलों से बचाने में सक्षम है।
- रूस 1993 से एस-400 विकसित कर रहा है। इसका परीक्षण 1999-2000 में शुरू हुआ और रूस ने इसे 2007 में तैनात किया था।
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