इसरो करेगा अंतरिक्ष मलबे की ट्रैकिंग
- 11 Apr 2022
अंतरिक्ष में भारतीय परिसंपत्ति के लिए अंतरिक्ष कचरे के बढ़ते खतरे को देखते हुये, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) नेटवर्क फॉर स्पेस ऑब्जेक्ट ट्रैकिंग एंड एनालिसिस (नेत्रा) (Network for Space Objects Tracking and Analysis: NETRA) परियोजना के तहत नए रडार और ऑप्टिकल टेलीस्कोप तैनात करके अपने कक्षीय मलबे की ट्रैकिंग क्षमता का निर्माण कर रहा है।
महत्वपूर्ण तथ्य: नेत्रा के तहत एक प्रभावी निगरानी और ट्रैकिंग नेटवर्क स्थापित करने के हिस्से के रूप में अंतरिक्ष मलबे (space debris) पर नजर रखने वाले 1,500 किमी की रेंज क्षमता वाले एक रडार और एक ऑप्टिकल टेलीस्कोप को शामिल किया जाएगा।
- सरकार ने रडार की तैनाती को हरी झंडी दे दी है, जो 10 सेंटीमीटर और उससे अधिक आकार की वस्तुओं का पता लगाने और उन पर नजर रखने में सक्षम होगा। इसे स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया जाएगा।
- कक्षीय कचरे सहित अंतरिक्ष वस्तुओं पर नजर रखने के लिए रडार और ऑप्टिकल टेलीस्कोप महत्वपूर्ण जमीन आधारित सुविधाएं हैं।
- 'अंतरिक्ष कचरे या मलबे' में प्रयोग किए गए रॉकेट चरण, मृत उपग्रह और अंतरिक्ष ऑब्जैक्ट के टुकड़े होते हैं।
- अंतरिक्ष कचरे की औसत गति लगभग 27,000 किमी प्रति घंटे की होती है, जो कि किसी अंतरिक्ष यान को नष्ट करने के लिये काफी है।
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