झारखंड में भाषा संबंधित विरोध
- 18 Feb 2022
फरवरी 2022 में झारखंड के कई हिस्सों में सरकारी नौकरियों के लिए जिला स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाओं में भोजपुरी और मगही को 'क्षेत्रीय भाषाओं' के रूप में शामिल किए जाने के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
- 24 दिसंबर, 2021 को, झारखंड कार्मिक, प्रशासनिक सुधार और राजभाषा विभाग ने झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं के माध्यम से जिला स्तर की चयन प्रक्रिया में मगही, भोजपुरी और अंगिका को क्षेत्रीय भाषाओं के रूप में शामिल करने के लिए एक अधिसूचना जारी की थी।
- अधिसूचना ने विशेष रूप से बोकारो और धनबाद में लोगों के एक वर्ग में नाराजगी पैदा कर दी है, उन्होंने भोजपुरी और मगही को बिहार की भाषा माना है और इसे आदिवासियों और मूलवासियों के अधिकारों का 'उल्लंघन' माना है।
- प्रदर्शनकारियों का तर्क है कि इससे राज्य में वर्षों से रहने वाले स्थानीय युवाओं का हक और अधिकार छिन जाएगा तथा सरकारी नौकरियों में 'बाहरी लोगों' को लाभ मिल जाएगा।
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