केरल लोकायुक्त अधिनियम संशोधन अध्यादेश
- 09 Feb 2022
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने 7 फरवरी, 2022 को केरल लोकायुक्त अधिनियम, 1999 में संशोधन संबंधी अध्यादेश को मंजूरी दे दी है।
- इस संशोधन के बाद, लोकायुक्त को सुनवाई का अवसर प्रदान करने के बाद राज्य सरकार कोलोकायुक्त के फैसले को स्वीकार या अस्वीकार करने की शक्ति होगी।
- वर्तमान में, अधिनियम की धारा 14 के तहत, लोकायुक्त द्वारा निर्देशित होने पर एक लोक सेवक को पद खाली करना अनिवार्य है।
- संशोधन के बाद, लोकायुक्त का फैसला केवल अनुशंसात्मक होगा, अनिवार्य नहीं।
- अध्यादेश ने इस नियम को भी निरस्त कर दिया है कि केवल सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश या उच्च न्यायालयों के पूर्व मुख्य न्यायाधीश ही लोकायुक्त का पद ग्रहण कर सकते हैं।
- इसके बजाय, संशोधन राज्य सरकार को किसी भी सेवानिवृत्त न्यायाधीश को लोकपाल के रूप में नियुक्त करने का अधिकार देता है।
- लोकायुक्त का कार्यकाल पांच वर्ष के लिए या 70 साल की उम्र तक, जो भी पहले हो, रहेगा।
अन्य तथ्य: केंद्रीय लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 को 1 जनवरी, 2014 को अधिसूचित किया गया था। वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश पिनाकी चंद्र घोष भारत के प्रथम लोकपाल हैं।
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