सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ाया पिता की संपत्ति में पुत्रियों केअधिकार का दायरा
- 31 Jan 2022
20 जनवरी, 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने पिता की अपनी कमाई संपत्तियों में पुत्रियों के अधिकार पर एक अहम फैसला सुनाया।
महत्वपूर्ण तथ्य: यदि किसी हिंदू पुरुष की बिना वसीयत लिखे मौत हो जाए तो उनकी पुत्रियां भी पुत्रों के समान पिता की स्व-अर्जित और अन्य संपत्ति पाने की हकदार होंगी और उन्हें परिवार के अन्य सदस्यों की अपेक्षा वरीयता होगी।
- शीर्ष अदालत का फैसला हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के तहत हिंदू महिलाओं और विधवाओं के संपत्ति अधिकारों से संबंधित मद्रास उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपील पर आया है।
- सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 से पहले के संपत्ति के वितरण पर भी लागू होगा।
- यह फैसला दो न्यायाधीशों - न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने सुनाया।
- संपत्ति में ऐसे पुरुष हिंदू की पुत्री को अपने मृतक पिता के भाइयों के पुत्रों / पुत्रियों की तुलना में वरीयता दी जाएगी।
- यदि एक हिंदू महिला की बिना वसीयत लिखे मृत्यु हो जाती है, तो उसके माता-पिता से विरासत में मिली संपत्ति उसके पिता के उत्तराधिकारियों के पास जाएगी, जबकि उसके पति या ससुर से विरासत में मिली संपत्ति पति के उत्तराधिकारियों के पास जाएगी।
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