उपभोक्ता इंटरनेट ऑफ थिंग्स को सुरक्षित करने के लिए अभ्यास संहिता
- 10 Jan 2022
उपभोक्ता इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) उपकरणों को सुरक्षित करने के उद्देश्य से संचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग के तहत दूरसंचार इंजीनियरिंग केंद्र ने 5 जनवरी, 2022 को 'उपभोक्ता इंटरनेट ऑफ थिंग्स को सुरक्षित करने के लिए अभ्यास संहिता' (Code of Practice for Securing Consumer Internet of Things) नाम से एक रिपोर्ट जारी की।
(Image Source: https://www.ssla.co.uk/)
महत्वपूर्ण तथ्य: ये दिशा-निर्देश उपभोक्ता IoT उपकरणों और इकोसिस्टम को सुरक्षित करने के साथ-साथ इससे संबंधित कमजोरियों को प्रबंधित करने में मदद करेंगे।
- यह रिपोर्ट IoT उपकरण निर्माताओं, सेवा प्रदाताओं / सिस्टम इंटीग्रेटर्स और एप्लिकेशन डेवलपर्स आदि के उपयोग के लिए है।
- दुनिया भर में सबसे तेजी से उभरती हुई प्रौद्योगिकी में से एक इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) का उपयोग कनेक्टेड उपकरणों की सहायता से विभिन्न कार्यक्षेत्रों जैसे- बिजली, मोटर वाहन, सुरक्षा और निगरानी, दूरस्थ स्वास्थ्य प्रबंधन, कृषि, स्मार्ट घर और स्मार्ट सिटी आदि में स्मार्ट बुनियादी ढांचे के निर्माण में किया जा रहा है।
- अनुमानों के अनुसार, 2026 तक वैश्विक स्तर पर 26.4 बिलियन IoT उपकरण उपयोग में लाए जा सकते हैं, जिनमें से लगभग 20% उपकरण सेलुलर प्रौद्योगिकियों पर आधारित होंगे। उपभोक्ता और उद्यम IoT उपकरणों का अनुपात 45%: 55% हो सकता है।
- दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा जारी 'राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति 2018' के अनुसार, वर्ष 2022 तक 5 बिलियन कनेक्टेड डिवाइसों के लिए एक इको-सिस्टम बनाया जाना है। इसलिए, वर्ष 2022 तक भारत में पांच बिलियन का लगभग 60% यानी तीन बिलियन कनेक्टेड उपकरण मौजूद होने की संभावना है।
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