शक्ति आपराधिक कानून (महाराष्ट्र संशोधन) विधेयक 2020
- 01 Jan 2022
महाराष्ट्र विधान सभा ने 23 दिसंबर, 2021 को महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों पर 'शक्ति आपराधिक कानून (महाराष्ट्र संशोधन) विधेयक, 2020 को सर्वसम्मति से पारित कर दिया है।
- महाराष्ट्र आंध्र प्रदेश के बाद भारत का दूसरा राज्य बन गया, जिसने बलात्कार और सामूहिक बलात्कार के जघन्य अपराधों के लिए मृत्युदंड को मंजूरी दी है।
विधेयक के प्रावधान: 16 साल से कम उम्र की महिलाओं के साथ बलात्कार और सामूहिक बलात्कार के जघन्य अपराधों के मामलों में मौत की सजा या आजीवन कारावास।
- महिला के शील का अपमान करने और संचार के किसी भी माध्यम से महिला को डराने के मामलों में पुरुषों, महिलाओं और ट्रांसजेंडरों को सजा।
- पुलिस जांच के लिए डेटा साझा करने में विफलता के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, इंटरनेट या मोबाइल टेलीफोनी डेटा प्रदाताओं को तीन महीने तक की कैद और 25 लाख रुपये का जुर्माना या दोनों सजा का प्रावधान।
- इस तरह के मामलों में 30 दिनों में जांच पूरी करने का प्रावधान। और यदि ऐसा नहीं होता है, तो विशेष महानिरीक्षक या पुलिस आयुक्त से कारण निर्दिष्ट करने के बाद और 30 दिनों का समय दिया जा सकता है।
- एसिड अटैक के मामले में लागू भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 326ए में संशोधन कर दोषियों को न्यूनतम 15 साल से लेकर अधिकतम उम्र कैद और आर्थिक जुर्माने का प्रावधान किया गया है। साथ ही, पीड़िता के लिए प्लास्टिक सर्जरी आदि का खर्च आरोपी पर लगने वाले आर्थिक जुर्माने से लिया जाएगा।
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