ब्यास संरक्षण रिजर्व में घड़ियाल पुनर्स्थापन कार्यक्रम
- 24 Dec 2021
पंजाब की नदियों में 'गंभीर रूप से संकटग्रस्त' घड़ियाल (गेवियलिस गैंगेटिकस) (Gavialis Gangeticus) के सफलतापूर्वक पुनर्स्थापन (reintroduction) के बाद, यहाँ छोड़े गए घड़ियाल स्वस्थ पाये गए हैं और वे ब्यास संरक्षण रिजर्व को अपने आवास के रूप में अनुकूलित कर चुके हैं।
(Image Source: https://www.tribuneindia.com)
महत्वपूर्ण तथ्य: किसी प्रजाति के पुनर्स्थापन का मतलब है कि इसे उस क्षेत्र में रखना, जहाँ यह जीवित रहने में सक्षम है।
- राज्य की वन्यजीव संरक्षण शाखा के अनुसार वर्ष 2017 से, ब्यास संरक्षण रिजर्व में 94 घड़ियाल छोड़े गए हैं और इनमें से केवल दो ही मृत पाये गए हैं।
- सर्वेक्षण के दौरान छोड़े गए घड़ियालों में से 40-50% स्वस्थ और ब्यास संरक्षण रिजर्व के लिए अनुकूलित पाये गए।
- ब्यास संरक्षण रिजर्व में घड़ियाल पुनर्स्थापन पंजाब सरकार का एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है।
- 1960 के दशक तक ब्यास नदी में आमतौर पर घड़ियाल देखे जाते थे लेकिन बाद में वे विलुप्त हो गए।
- घड़ियाल उत्तर भारतीय नदियों जैसे- गंगा, यमुना, चंबल और उनकी सहायक नदियों में पाया जाता है।
- जैसे बाघ वनों में शीर्षस्थ शिकारी (topmost predators) होते हैं, वैसे ही घड़ियाल नदी में शीर्षस्थ शिकारी होते हैं। घड़ियाल नदी की खाद्य शृंखला को संतुलित करते हैं।
संरक्षण की स्थिति: आईयूसीएन- गंभीर रूप से संकटग्रस्त; CITES- परिशिष्ट I में सूचीबद्ध; तथा वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची I में सूचीबद्ध।
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