कुमाऊँ हिमालय के हिमनद मार्ग में परिवर्तन
- 29 Nov 2021
भारत के पर्वतीय प्रांत उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित ऊपरी काली गंगा घाटी क्षेत्र में एक अज्ञात ग्लेशियर अर्थात हिमनद का अध्ययन कर रहे भारतीय शोधकर्ताओं ने बताया है कि ग्लेशियर ने अचानक अपना मुख्य मार्ग बदल दिया है।
महत्वपूर्ण तथ्य: शोधकर्ताओं ने इसके लिए जलवायु और विवर्तनिकी (टेक्टोनिक्स) अर्थात धरातल की रचना दोनों के संचित प्रभाव को जिम्मेदार ठहराया है।
- देहरादून स्थित वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के वैज्ञानिकों की एक टीम ने पाया कि उत्तर-पूर्व की ओर प्रवाहित अज्ञात हिमानी के मार्ग को अवरुद्ध करके उसे दक्षिण-पूर्व की तरह बढ़ने को बाध्य कर दिया गया था।
- वैज्ञानिकों का मानना है कि 5 किमी लंबे अज्ञात ग्लेशियर, जो कुठी यांक्टी घाटी (काली नदी की सहायक नदी) में करीब 4 वर्ग कि.मी. क्षेत्र में फैला है, ने अचानक अपना मुख्य मार्ग बदल दिया।
- लास्ट ग्लेशियल मैक्सिमा (वर्तमान से 24,000 से 19,000 साल पहले) और होलोसीन ((वर्तमान से 10,000 साल पहले) के बीच के समय के दौरान यह आगे चलकर मुड़ गया, और अंत में पास स्थित समजुर्कचांकी (Sumzurkchanki) नामक ग्लेशियर में मिल गया।
- इस प्रकार के ग्लेशियर के अनूठे व्यवहार की घटना का ताजा उदाहरण फरवरी2021 की उत्तराखंड की ऋषिगंगा घाटी की आपदा है, जिसमें ग्लेशियर से चट्टान और मलबे का एक बड़ा खंड अलग हो गया और ऋषिगंगा नदी में बाढ़ का कारण बना।
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