जनजातीय गौरव दिवस
- 13 Nov 2021
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में घोषित करने की मंजूरी दे दी है, जो वीर आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति को समर्पित है।
(Image Source: twitter.com/airnews_ranchi)
उद्देश्य: आने वाली पीढ़ियों को वीर आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के देश के प्रति किए गए बलिदानों से परिचित कराना।
महत्वपूर्ण तथ्य: संथाल, तामार, कोल, भील, खासी और मिजो जैसे कई जनजातीय समुदायों द्वारा विभिन्न आंदोलनों के जरिए भारत के स्वतंत्रता संग्राम को मजबूत किया गया था।
- 15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जयंती है, जिनकी देश भर के आदिवासी समुदायों द्वारा भगवान के रूप में पूजा की जाती है।
- बिरसा मुंडा ने ब्रिटिश औपनिवेशिक व्यवस्था की शोषक प्रणाली के खिलाफ वीरता से लड़ाई लड़ी और 'उलगुलान' (क्रांति) का आह्वान करते हुए ब्रिटिश दमन के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व किया।
- यह जनजातीय गौरव दिवस हर साल मनाया जाएगा और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और वीरता, आतिथ्य और राष्ट्रीय गौरव के भारतीय मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए आदिवासियों के प्रयासों को मान्यता देगा।
- रांची में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय का उद्घाटन किया जाएगा, जहां बिरसा मुंडा ने अंतिम सांस ली थी।
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