मादक पदार्थों के नियंत्रण के लिये राष्ट्रीय कोष
- 08 Nov 2021
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने अक्टूबर 2021 में सिफारिश की है कि 'मादक पदार्थों के नियंत्रण के लिये राष्ट्रीय कोष' (National Fund to Control Drug Abuse: NFCDA)का इस्तेमाल सिर्फ पुलिसिंग गतिविधियों के बजाय नशामुक्ति कार्यक्रमों को चलाने के लिए किया जाए।
महत्वपूर्ण तथ्य: मंत्रालय के अनुसार, फंड में 23 करोड़ रुपये का मामूली राशि थी। इसका इस्तेमाल सिर्फ पुलिसिंग गतिविधियों के लिए किया जा रहा है। इसने हाल ही में इसमें नशामुक्ति को जोड़ने का प्रस्ताव रखा है।
- एनडीपीएस अधिनियम में परिभाषित दवाओं की 'अल्प मात्रा' को अपराध मुक्त करने का प्रस्ताव भी वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग को भेजा गया है।
- इस फंड को 1989 में नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम, 1985 के एक प्रावधान के अनुसार गठित गया था।
- NFCDA के फंड के प्रबंधन के लिए फंडिंग, स्कोप, प्रक्रिया, मूल्यांकन और निगरानी तंत्र के व्यापक मानदंड 'एनडीपीएस (मादक पदार्थों के नियंत्रण के लिये राष्ट्रीय कोष) नियम, 2006' में निर्धारित किए गए हैं।
- मादक पदार्थों के नियंत्रण के लिये राष्ट्रीय कोष का प्रबंधन राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय द्वारा किया जाता है।
- भारत में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की 'क्राइम इन इंडिया 2020 रिपोर्ट' के अनुसार, एनडीपीएस अधिनियम के तहत कुल 59,806 मामले दर्ज किए गए थे।
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