एनसीआरबी : भारत में अपराध रिपोर्ट 2020
- 23 Sep 2021
सितंबर 2021 में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा प्रकाशित 'भारत में अपराध रिपोर्ट 2020' के अनुसार देश में 2019 की तुलना में 2020 में मुख्य रूप से कोविड-19 मानदंडों के उल्लंघन के कारण मामलों के पंजीकरण में 28% की वृद्धि हुई है।
महत्वपूर्ण तथ्य: लोक सेवक द्वारा विधिवत रूप से घोषित आदेश की अवज्ञा के मामलों में और अन्य राज्य स्थानीय कानूनों के उल्लंघन से जुड़े मामलों में लगभग 21 गुना उछाल दर्ज किया गया।
- कुल 50,291 मामलों के साथ अनुसूचित जाति के खिलाफ अपराध में 9.4% की वृद्धि देखी गई।
- महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में 8.30% की गिरावट आई है तथा इनमें पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता के सबसे अधिक (30.0%) मामले रहे।
- प्रति लाख महिला आबादी पर दर्ज अपराध दर 2019 में 62.3 की तुलना में 2020 में56.5 है।
- कुल 66,01,285 संज्ञेय अपराध, जिनमें 42.54 लाख से अधिक भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) अपराध और 23.46 लाख से अधिक विशेष और स्थानीय कानून अपराध शामिल हैं, 2020 में दर्ज किए गए।
- प्रति लाख जनसंख्या पर दर्ज अपराध दर 2019 में 385.5 से बढ़कर 2020 में 487.8 हो गई है।
- हत्या के मामलों में 1% की मामूली वृद्धि हुई है। जबकि मानव तस्करी के मामले 2,208 से घटकर 1,714 हो गए।
- 25 मार्च से 31 मई, 2020 तक कोविड-19 की पहली लहर के दौरान पूर्ण तालाबंदी के कारण महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराध, चोरी, सेंधमारी, लूटपाट और डकैती के मामलों में गिरावट दर्ज की गई।
- पिछले साल 59,262 बच्चों के लापता होने की सूचना मिली थी, जो 2019 की तुलना में 19.80% कम है।
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
राष्ट्रीय
- राजनीति और प्रशासन
- अवसंरचना
- आंतरिक सुरक्षा
- आदिवासियों से संबंधित मुद्दे
- कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ
- कार्यकारी और न्यायपालिका
- कार्यक्रम और योजनाएँ
- कृषि
- गरीबी और भूख
- जैवविविधता संरक्षण
- पर्यावरण
- पर्यावरण प्रदूषण, गिरावट और जलवायु परिवर्तन
- पारदर्शिता और जवाबदेही
- बैंकिंग व वित्त
- भारत को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह
- भारतीय अर्थव्यवस्था
- रक्षा और सुरक्षा
- राजव्यवस्था और शासन
- राजव्यवस्था और शासन
- रैंकिंग, रिपोर्ट, सर्वेक्षण और सूचकांक
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- शिक्षा
- सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
- सांविधिक, विनियामक और अर्ध-न्यायिक निकाय
- स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे