शिकारी पक्षियों की प्रजातियों पर वैश्विक संकट
- 20 Sep 2021
सितंबर 2021 में इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) और बर्डलाइफ इंटरनेशनल के एक नए अध्ययन के अनुसार दुनिया भर में 557 शिकारी पक्षी (रैप्टर) प्रजातियों में से 30% खतरे, अतिसंवेदनशील या संकटग्रस्त या गंभीर रूप से संकटग्रस्त हैं।
महत्वपूर्ण तथ्य: शोधकर्ताओं ने पाया कि 18 प्रजातियां गंभीर रूप से संकटग्रस्त हैं, जिनमें फिलीपीन ईगल (Philippine eagle), हुडेड गिद्ध (hooded vulture) और एनोबोन स्कॉप्स उल्लू (Annobon scops owl) शामिल हैं।
- अन्य प्रजातियों के भी विशेष इलाकों में स्थानीय रूप से विलुप्त होने का खतरा है। जिसका अर्थ है कि वे अब उन पारिस्थितिक तंत्रों में शीर्ष शिकारियों के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका नहीं निभा सकते हैं।
- 'गोल्डन ईगल' मेक्सिको का राष्ट्रीय पक्षी है, लेकिन फिर भी मेक्सिको में बहुत कम 'गोल्डन ईगल' बचे हैं। 2016 की गणना के अनुसार देश में केवल 100 जोड़े ही शेष हैं।
- अध्ययन में पाया गया कि शिकार के खतरे वाले पक्षियों में से ज्यादातर दिन के दौरान सक्रिय होते हैं - जिनमें अधिकांश बाज, चील और गिद्ध शामिल हैं। इन सबकी आबादी में 54 फीसदी की कमी आई है।
- विश्व स्तर पर, इन पक्षियों के लिए सबसे बड़ा खतरा निवास स्थान का नुकसान, जलवायु परिवर्तन और जहरीले पदार्थ हैं। पशुओं में सूजन और जलन रोधी दवा के व्यापक उपयोग के कारण दक्षिण एशिया में गिद्धों का तेजी से पतन हुआ।
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
राष्ट्रीय
- राजनीति और प्रशासन
- अवसंरचना
- आंतरिक सुरक्षा
- आदिवासियों से संबंधित मुद्दे
- कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ
- कार्यकारी और न्यायपालिका
- कार्यक्रम और योजनाएँ
- कृषि
- गरीबी और भूख
- जैवविविधता संरक्षण
- पर्यावरण
- पर्यावरण प्रदूषण, गिरावट और जलवायु परिवर्तन
- पारदर्शिता और जवाबदेही
- बैंकिंग व वित्त
- भारत को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह
- भारतीय अर्थव्यवस्था
- रक्षा और सुरक्षा
- राजव्यवस्था और शासन
- राजव्यवस्था और शासन
- रैंकिंग, रिपोर्ट, सर्वेक्षण और सूचकांक
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- शिक्षा
- सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
- सांविधिक, विनियामक और अर्ध-न्यायिक निकाय
- स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे