चंद्रयान -2 से प्राप्त जानकारी
- 18 Sep 2021
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 6-7 सितंबर, 2021 को आयोजित 'चंद्र विज्ञान कार्यशाला 2021' के दौरान वैज्ञानिक समुदाय द्वारा उपयोग के लिए चंद्रयान -2 विज्ञान परिणामों और डेटा उत्पादों पर दस्तावेज जारी किए।
महत्वपूर्ण तथ्य: चंद्रयान-2 में लगे मास स्पेक्ट्रोमीटर 'चेस-2' (CHACE 2) ने पहली बार एक ध्रुवीय कक्षीय मंच से चंद्रमा के बाहरी वातावरण की आवेशहीन संरचना का अध्ययन किया है और चंद्रमा के मध्य और उच्च अक्षांशों पर ‘ऑर्गन-40’ की परिवर्तनशीलता का पता लगाया है।
- 'चंद्रयान-2 लार्ज एरिया सॉफ्ट एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर' (CLASS) उपकरण ने एक्स-रे स्पेक्ट्रम के जरिये चंद्रमा की सतह पर ‘क्रोमियम’ और ‘मैंगनीज’ जैसे खनिजों की मौजूदगी के संकेत दिए हैं।
- सौर एक्स-रे मॉनिटर (XSM) उपकरण ने सौर-लपटों / सोलर फ्लेयर्स (Solar Flares) के बारे में जानकारी दी है, जो सौर- कोरोना के गर्म होने की समस्या (coronal heating problem of the Sun) को समझने में सहायक सिद्ध हो सकता है।
- ‘इमेजिंग इंफ्रा-रेड स्पेक्ट्रोमीटर’ (IIRS) पेलोड ने चंद्र सतह पर हाइड्रॉक्सिल (Hydroxyl) और पानी-बर्फ (water-ice) के स्पष्ट संकेत दिए हैं।
- DFSAR उपकरण ने उप-सतह पानी-बर्फ का पता लगाया और ध्रुवीय क्षेत्रों में चंद्रमा की आकृति संबंधी विशेषताओं का उच्च रिजॉल्यूशन मानचित्रण किया है।
चंद्रयान-2: ‘चंद्रयान-2’ (Chandrayaan-2), भारत का चंद्रमा पर भेजे गया दूसरा मिशन था, जोकि चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट-लैंडिंग’ करने में विफल रहा।
- इसे 22 जुलाई, 2019 को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से GSLV Mk-III द्वारा लॉन्च किया गया था।
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