राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारत की पहली आपातकालीन लैंडिंग सुविधा
- 15 Sep 2021
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने संयुक्त रूप से 9 सितंबर, 2021 को राजस्थान के बाड़मेर के पास राष्ट्रीय राजमार्ग-925ए पर सट्टा-गंधव खंड पर भारतीय वायुसेना के लिए आपातकालीन लैंडिंग सुविधा (Emergency landing facility) का उद्घाटन किया।
महत्वपूर्ण तथ्य: दोनों मंत्रियों ने इस सुविधा का उद्घाटन करने के लिए ‘सी-130जे विमान’ से बाड़मेर की यात्रा की।
- यह पहली बार है जब भारतीय वायु सेना के विमानों की आपात लैंडिंग के लिए किसी राष्ट्रीय राजमार्ग का इस्तेमाल किया गया है।
- यह लैंडिंग स्ट्रिप भारतीय वायुसेना के सभी प्रकार के विमानों की लैंडिंग की सुविधा प्रदान करने में सक्षम होगी।
- भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने राष्ट्रीय राजमार्ग-925ए पर सट्टा-गंधव के 41/430 किमी. से 44/430 किमी. के तीन किलोमीटर लंबे हिस्से को भारतीय वायु सेना के लिये आपातकालीन लैंडिंग सुविधा के रूप में तैयार किया।
- लैंडिंग सुविधा, दो लेन के गगरिया-भाखासर तथा सट्टा-गंधव सेक्शन का हिस्सा है, जिसकी भारतमाला परियोजना के तहत कुल लंबाई 196.97 किमी. है।
- इस परियोजना से बाड़मेर और जालौर जिले के सीमावर्ती गांवों के बीच संपर्कता में सुधार होगा। यह हिस्सा पश्चिमी सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित है और इससे भारतीय सेना की सतर्कता बढ़ेगी।
- इस एमरजेंसी लैंडिंग सुविधा के अलावा वायुसेना/भारतीय सेना की जरूरतों को ध्यान में रखते हुये कुंदनपुरा, सिंघानिया और भाखासर गांवों में 100X30 मीटर आकार के तीन हेलीपैड भी बनाये गये हैं।
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
राष्ट्रीय
- राजनीति और प्रशासन
- अवसंरचना
- आंतरिक सुरक्षा
- आदिवासियों से संबंधित मुद्दे
- कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ
- कार्यकारी और न्यायपालिका
- कार्यक्रम और योजनाएँ
- कृषि
- गरीबी और भूख
- जैवविविधता संरक्षण
- पर्यावरण
- पर्यावरण प्रदूषण, गिरावट और जलवायु परिवर्तन
- पारदर्शिता और जवाबदेही
- बैंकिंग व वित्त
- भारत को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह
- भारतीय अर्थव्यवस्था
- रक्षा और सुरक्षा
- राजव्यवस्था और शासन
- राजव्यवस्था और शासन
- रैंकिंग, रिपोर्ट, सर्वेक्षण और सूचकांक
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- शिक्षा
- सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
- सांविधिक, विनियामक और अर्ध-न्यायिक निकाय
- स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे