बच्चों पर केंद्रित जलवायु जोखिम सूचकांक
- 03 Sep 2021
अगस्त 2021 में यूनिसेफ द्वारा जारी 'जलवायु संकट एक बाल अधिकार संकट है' (The climate crisis is a child rights crisis) नामक रिपोर्ट में 'बच्चों पर केंद्रित जलवायु जोखिम सूचकांक' (Children’s Climate Risk Index- CCRI) प्रस्तुत किया गया।
महत्वपूर्ण तथ्य: यह बच्चों के जलवायु और पर्यावरणीय खतरों जैसे- चक्रवात और ग्रीष्म लहरों के आधार पर देशों को रैंक करता है।
- चार दक्षिण एशियाई देशों सहित 33 देशों में रहने वाले लगभग 1 बिलियन बच्चे जलवायु परिवर्तन के "अत्यधिक उच्च जोखिम" (extremely high-risk) में हैं।
- सूचकांक में सेन्ट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक पहले; चाड और नाइजीरिया दूसरे; गिनी, गिनीबिसाऊ और सोमालिया चौथे स्थान पर हैं अर्थात इन देशों के बच्चे अधिक जलवायु जोखिम में हैं।
- आइसलैंड (163वें स्थान), लक्जमबर्ग (162वें स्थान), न्यूजीलैंड (161वें स्थान) तथा फिनलैंड और एस्टोनिया (159वें स्थान) ऐसे देश हैं, जहां बच्चों को सबसे कम खतरा है।
भारत की स्थिति: भारत उन चार दक्षिण एशियाई देशों में शामिल हैं, जहां बच्चों पर जलवायु संकट के प्रभाव का अत्यधिक जोखिम है।
- भारत को सूचकांक में यमन और सिएरा लियोन के साथ 26वें स्थान पर रखा गया है। पाकिस्तान 14वें, तथा बांग्लादेश और अफगानिस्तान दोनों 15वें स्थान पर हैं।
- भारत उन 33 अत्यंत उच्च जोखिम वाले देशों में से एक है जहां, बाढ़ और वायु प्रदूषण बार-बार होने वाले पर्यावरणीय खतरे हैं।
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
राष्ट्रीय
- राजनीति और प्रशासन
- अवसंरचना
- आंतरिक सुरक्षा
- आदिवासियों से संबंधित मुद्दे
- कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ
- कार्यकारी और न्यायपालिका
- कार्यक्रम और योजनाएँ
- कृषि
- गरीबी और भूख
- जैवविविधता संरक्षण
- पर्यावरण
- पर्यावरण प्रदूषण, गिरावट और जलवायु परिवर्तन
- पारदर्शिता और जवाबदेही
- बैंकिंग व वित्त
- भारत को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह
- भारतीय अर्थव्यवस्था
- रक्षा और सुरक्षा
- राजव्यवस्था और शासन
- राजव्यवस्था और शासन
- रैंकिंग, रिपोर्ट, सर्वेक्षण और सूचकांक
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- शिक्षा
- सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
- सांविधिक, विनियामक और अर्ध-न्यायिक निकाय
- स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे