अनिवार्य रक्षा सेवा विधेयक 2021
- 07 Aug 2021
संसद द्वारा 5 अगस्त, 2021 को अनिवार्य रक्षा सेवा विधेयक 2021 पारित कर दिया गया है।
महत्वपूर्ण तथ्य: विधेयक में केंद्र सरकार को अधिकार दिया गया है कि वह अनिवार्य रक्षा सेवाओं में संलग्न इकाइयों में हड़ताल, तालाबंदी और छंटनी पर रोक लगा सकती है।
- इसके जरिए औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 में संशोधन करते हुए अनिवार्य रक्षा सेवाओं को सार्वजनिक उपयोगिता सेवाओं में शामिल किया गया है।
अनिवार्य रक्षा सेवाएं क्या हैं? रक्षा संबंधी उद्देश्यों के लिए आवश्यक वस्तुओं या उपकरणों के उत्पादन से संबंधित कोई भी प्रतिष्ठान या उपक्रम;
- इसके अलावा, सशस्त्र बलों या उनसे जुड़ा हुआ या रक्षा प्रतिष्ठान; इनमें ऐसी सेवाएं भी शामिल हैं जो बंद होने पर ऐसी सेवाओं में लगे प्रतिष्ठान या उसके कर्मचारियों की सुरक्षा को प्रभावित करती हैं।
- सरकार किसी भी सेवा को एक अनिवार्य रक्षा सेवा के रूप में घोषित कर सकती है, यदि इसकी समाप्ति निम्न में से किसी को प्रभावित करती हैं-
(i) रक्षा उपकरण या वस्तुओं का उत्पादन;
(ii) ऐसे उत्पादन में लगे औद्योगिक प्रतिष्ठानों या इकाइयों का संचालन या रखरखाव; या
(iii) रक्षा से जुड़े उत्पादों की मरम्मत या रखरखाव।
सजा: अवैध तालाबंदी या छंटनी के माध्यम से निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने वाले नियोक्ताओं को तथा अवैध हड़ताल शुरू करने या इसमें भाग लेने वाले व्यक्तियों को एक साल तक की कैद या 10,000 रुपये का जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाएगा।
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