निवारक निरोध पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय
- 07 Aug 2021
अगस्त 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कहा कि कानून और व्यवस्था के उल्लंघन की संभावित आशंका निवारक निरोध (Preventive detention) संबंधी कानूनों के तहत किसी व्यक्ति को हिरासत में लेने का आधार नहीं हो सकती है।
महत्वपूर्ण तथ्य: निवारक निरोध केवल सार्वजनिक अव्यवस्था को रोकने के लिए एक आवश्यक बुराई (necessary evil) है।
- न्यायमूर्ति रोहिंटन एफ. नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि किसी के खिलाफ सार्वजनिक हिरासत कानून लागू करने के लिए, यह पर्याप्त नहीं है कि उसके कार्यों से कानून और व्यवस्था को खतरा हो, बल्कि उसके द्वारा सार्वजनिक व्यवस्था को प्रभावित किया जाना चाहिए।
- सभी "कानून और व्यवस्था" समस्याओं से निपटने के लिए मनमाने ढंग से "निवारक निरोध" का सहारा नहीं लिया जाना चाहिए, जिसे देश के सामान्य कानूनों द्वारा निपटाया जा सकता है।
- इसके अलावा, निवारक निरोध अनुच्छेद 22 के साथ पढ़े गए अनुच्छेद 21 और विचाराधीन कानून के सम्पूर्ण दायरे के भीतर होना चाहिए।
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