तेलंगाना का रुद्रेश्वर मंदिर विश्व धरोहर स्थल के रूप में अंकित
- 27 Jul 2021
25 जुलाई, 2021 को यूनेस्को विश्व धरोहर समिति के 44वें सत्र में तेलंगाना राज्य में वारंगल के पास, मुलुगु जिले के पालमपेट गाँव में स्थित रुद्रेश्वर मंदिर (जिसे रामप्पा मंदिर के रूप में भी जाना जाता है) को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में अंकित किया गया है। यह भारत का 39वां विश्व धरोहर स्थल है।
महत्वपूर्ण तथ्य: रामप्पा मंदिर, 13वीं शताब्दी का अभियंत्रिकीय चमत्कार है, जिसका नाम इसके वास्तुकार ‘रामप्पा’ के नाम पर रखा गया था।
- रुद्रेश्वर मंदिर का निर्माण 1213 ईस्वी में काकतीय साम्राज्य के शासनकाल में काकतीय राजा गणपति देव के एक सेनापति रेचारला रुद्र ने कराया था।
- यह मंदिर ‘भगवान शिव’ को समर्पित है और यहां के स्थापित देवता ‘रामलिंगेश्वर स्वामी’ हैं।
- काकतीयों के मंदिर परिसरों की विशिष्ट शैली, तकनीक और सजावट काकतीय मूर्तिकला के प्रभाव को प्रदर्शित करती हैं।
- मजबूती के लिए नींव ‘सैंडबॉक्स तकनीक’ (sandbox technique) के साथ बनाई गई है, फर्श ग्रेनाइट की है और स्तंभ बेसाल्ट के हैं। मंदिर का निचला हिस्सा लाल बलुआ पत्थर का है, जबकि सफेद गोपुरम को हल्की ईंटों से बनाया गया है जो पानी पर तैरती हैं।
- सैंडबॉक्स तकनीक में नींव बिछाने के लिए खोदे गए गड्ढे को भरने के लिए इमारतों के निर्माण से पहले, रेत, गुड़ और करक्काया (काले हरड़ फल) के मिश्रण को मिलाया जाता है।
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