बीटा टाइटेनियम मिश्र धातु
- 22 Jul 2021
जुलाई 2021 में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने वैमानिकी उपयोग के जटिल कलपुर्जे बनाने के लिए उच्च क्षमता का स्वदेशी ‘बीटा टाइटेनियम मिश्र धातु’ (Beta Titanium Alloy) विकसित किया है।
महत्वपूर्ण तथ्य: यह वैनेडियम, आयरन और एल्युमिनियम युक्त बीटा टाइटेनियम मिश्र धातु (Ti-10V-2Fe-3Al) है, जिसे हैदराबाद स्थित DRDO की ‘रक्षा धातुकर्म अनुसंधान प्रयोगशाला’ द्वारा विकसित किया गया है।
- इस मिश्र धातु से जो कलपुर्जे बनाए जा सकते हैं उनमें ‘स्लैट/फ्लैप ट्रैक्स (slat/flap tracks), लैंडिग गियर और लैंडिग गियर में ड्रॉप लिंक’ सहित अन्य पुर्जे शामिल हैं
- बीटा टाइटेनियम मिश्र धातु अपनी उच्च क्षमता, लचीलापन और भंजन कठोरता (fracture toughness) के कारण अद्वितीय है, जो उसे विमान संरचनात्मक अनुप्रयोगों के लिए तेजी से आकर्षक बनाते हैं।
- हाल के दिनों में इन मिश्र धातुओं का उपयोग कई विकसित देशों द्वारा अपेक्षाकृत भारी पारंपरिक Ni-Cr-Mo संरचनात्मक स्टील्स के लाभकारी और कम वजन वाले विकल्प के रूप में किया जा रहा है।
- एयरोस्पेस उद्योग में कुछ लोकप्रिय मिश्र धातुओं में शामिल हैं- टाइटेनियम मिश्र धातु, एल्युमिनियम मिश्र धातु, तांबे की मिश्र धातु, स्टेनलेस स्टील, सुपरअलॉय (Superalloys) तथा अन्य विशेष मिश्र धातु।
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
राष्ट्रीय
- राजनीति और प्रशासन
- अवसंरचना
- आंतरिक सुरक्षा
- आदिवासियों से संबंधित मुद्दे
- कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ
- कार्यकारी और न्यायपालिका
- कार्यक्रम और योजनाएँ
- कृषि
- गरीबी और भूख
- जैवविविधता संरक्षण
- पर्यावरण
- पर्यावरण प्रदूषण, गिरावट और जलवायु परिवर्तन
- पारदर्शिता और जवाबदेही
- बैंकिंग व वित्त
- भारत को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह
- भारतीय अर्थव्यवस्था
- रक्षा और सुरक्षा
- राजव्यवस्था और शासन
- राजव्यवस्था और शासन
- रैंकिंग, रिपोर्ट, सर्वेक्षण और सूचकांक
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- शिक्षा
- सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
- सांविधिक, विनियामक और अर्ध-न्यायिक निकाय
- स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे