थोक और खुदरा व्यापार एमएसएमई के दायरे में शामिल
- 10 Jul 2021
केंद्र सरकार ने 2 जुलाई, 2021 को थोक और खुदरा व्यापारों को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों- एमएसएमई (MSMEs) के दायरे में शामिल करने के लिए नए दिशा-निर्देशों की घोषणा की।
महत्वपूर्ण तथ्य: इससे ऐसे कारोबारी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा वर्गीकृत प्राथमिकता क्षेत्र ऋण व्यवस्था के तहत ऋण के लिए पात्र हो जाएंगे।
- संशोधित दिशा-निर्देशों के तहत अब खुदरा और थोक कारोबारियों को 'उद्यम पंजीकरण पोर्टल' पर पंजीकरण की अनुमति होगी।
- इस कदम से कोविड-19 महामारी से पीड़ित 2.5 करोड़ कारोबारियों को लाभ होने की उम्मीद है।
- प्राथमिकता क्षेत्र ऋण व्यवस्था के लाभ के अलावा, इन कारोबारियों को एमएसएमई को उपलब्ध कोई अन्य लाभ नहीं मिलेगा।
- अतीत में, थोक और खुदरा व्यापार गतिविधियों को एमएसएमई के रूप में वर्गीकृत किया गया था, लेकिन 2017 में इसे बाहर कर दिया गया क्योंकि वे विनिर्माण गतिविधि की आवश्यकता को पूरा नहीं करते थे।
चिंता: एक बार यदि खुदरा और थोक कारोबारी एमएसएमई के तहत प्राथमिकता वाले क्षेत्र की ऋण श्रेणी में शामिल हो जाते हैं, तो बैंक उन्हें छोटी विनिर्माण इकाइयों के स्थान पर ऋण देना पसंद कर सकते हैं, क्योंकि वे विनिर्माण से कम जोखिम वाले होते हैं।
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