भारत में समुद्री विमान सेवाओं के विकास हेतु समझौता
- 16 Jun 2021
भारत में समुद्री विमान (सीप्लेन) सेवाओं के विकास के लिए 15 जून, 2021 को भारत सरकार के पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
महत्वपूर्ण तथ्य: समझौता ज्ञापन के तहत नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ‘क्षेत्रीय संपर्क योजना-उड़ान’ के तहत भारत के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र (territorial jurisdiction) के भीतर सीप्लेन सेवाओं के गैर-अनुसूचित और अनुसूचित संचालन का विकास किया जाएगा।
- दोनों मंत्रालय और सागरमाला डिवेलपमेंट कंपनी लिमिटेड सभी एजेंसियों द्वारा चिन्हित/सुझाए गए सीप्लेन परिचालन मार्गों के संचालन पर विचार करेंगे।
- विभिन्न स्थानों पर सीप्लेन सेवाओं को समय पर शुरू करने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय और पर्यटन मंत्रालय के अधिकारियों की एक समन्वय समिति का गठन किया जाएगा।
- पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ‘वाटरफ्रंट एयरोड्रोम’ (waterfront aerodromes) और अन्य आवश्यक बुनियादी ढांचे की पहचान और विकास करेगा।
- नागरिक उड्डयन मंत्रालय बोली प्रक्रिया के माध्यम से अपने वाणिज्यिक विचार के आधार पर संभावित एयरलाइन ऑपरेटरों का चयन करेगा तथा आरसीएस-उड़ान योजना के तहत चुने गए जल हवाई अड्डों को धन/वित्तीय सहायता प्रदान करेगा।
- यह समझौता ज्ञापन नए जल हवाई अड्डों के विकास में तेजी लाने और भारत में नए समुद्री मार्गों के संचालन में मदद करेगा।
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