मॉडल किरायेदारी अधिनियम
- 03 Jun 2021
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2 जून, 2021 को किराये की संपत्तियों पर कानून बनाने या कानूनों में संशोधन के लिए राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों द्वारा प्रयोग में लाए जाने वाले मॉडल किरायेदारी अधिनियम को मंजूरी दे दी।
महत्वपूर्ण तथ्य: यह देश भर में किराये के आवास के संबंध में कानूनी ढांचे को दुरुस्त करने में मदद करेगा।
- मॉडल अधिनियम, यदि राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों द्वारा पारित किया जाता है, तो यह पट्टा समझौतों, जमा, विवाद निपटान और किराये की संपत्तियों के अन्य पहलुओं के मानदंडों को निर्धारित करेगा।
- मॉडल अधिनियम किराये के आवास उद्देश्यों के लिए खाली पड़े घरों को खोलने की सुविधा प्रदान करेगा।
- मसौदा अधिनियम जुलाई 2019 में केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा प्रकाशित किया गया था और प्रतिक्रिया के लिए राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों को भेजा गया था।
मॉडल अधिनियम में प्रावधान: आवासीय परिसरों के लिए किरायेदारों को अधिकतम दो महीने के किराये के रूप में सुरक्षा जमा राशि देनी होगी। वाणिज्यिक संपत्ति के मामले में छ: महीने का किराया जमा करना होगा ।
- प्रत्येक जिले में विवादों को निपटाने के लिए एक किराया प्राधिकरण की नियुक्ति की जाएगी।
- अधिनियम संपत्ति के मालिक और किरायेदार के बीच एक लिखित समझौते को भी अनिवार्य बनाता है।
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