जैव प्रौद्योगिकी और जैव-चिकित्सा पर ब्रिक्स कार्य समूह की चौथी बैठक
- 29 May 2021
- 25 -26 मई, 2021 को ऑनलाइन आयोजित ‘जैव प्रौद्योगिकी और जैव-चिकित्सा पर ब्रिक्स कार्य समूह की चौथी बैठक’ में सभी पांच ब्रिक्स देशों के विशेषज्ञों ने जैव प्रौद्योगिकी और जैव-चिकित्सा के विभिन्न क्षेत्रों में उभरते मुद्दों को लेकर विचार-विमर्श किया।
- महत्वपूर्ण तथ्य: बैठक को डिपार्टमेंट ऑफ इंटरनेशनल को-ऑपरेशन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमओएसटी), चीन द्वारा प्रायोजित किया गया था और चीन के राष्ट्रीय जैव प्रौद्योगिकी विकास केंद्र ने आयोजित किया था।
- कार्य समूह के सदस्यों ने सूक्ष्मजीवीरोधी प्रतिरोध(Antimicrobial Resistance), कृत्रिम बुद्धिमत्ता और डिजिटल स्वास्थ्य चिकित्सा, गैर-संचारी रोग, तंत्रिका संबंधी विकार तथा कृषि-जैव प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में ब्रिक्स देशों के बीच अनुसंधान सहयोग में भविष्य की दिशा पर सुझाव दिये।
- भारत ने कोविड के बाद की चुनौतियों का हल तलाशने और गैर-संचारी रोगों से प्रमुखता के साथ निपटने के लिए ‘ब्रिक्स कंसोर्टियम’ (BRICS Consortium) का प्रस्ताव रखा, जबकि रूस ने ‘स्वस्थ भोजन और पोषण के लिए सतत कृषि-जैव प्रौद्योगिकी (Sustainable Agro-biotechnology for Healthy Food & Nutrition) और ‘न्यूरो रिहेबिलटेशन (neurorehabilitation) के लिए वर्चुअल रियल्टी आधारित उन्नत प्रौद्योगिकी’ का प्रस्ताव दिया। चीन ने प्रमुख कार्यक्रम के रूप में ‘कैंसर अनुसंधान’ का प्रस्ताव रखा।
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