गांठदार त्वचा रोग
- 22 May 2021
बिहार सरकार ने 6 मई, 2021 को 'गांठदार त्वचा रोग' (Lumpy Skin Disease- LSD) के संभावित प्रसार के बारे में एक चेतावनी जारी करते हुए एडवाइजरी जारी की है।
महत्वपूर्ण तथ्य: LSD एक वायरल बीमारी है, जो मवेशियों और भैंसों में लंबे समय तक रुग्णता का कारण बनती है।
- LSD 'गांठदार त्वचा रोग वायरस' (LSDV) के कारण होता है, जो पॉक्सविरिडे (Poxviridae) कुल के 'कैप्रिपॉक्स' (Capripox) वंश का एक वायरस है।
- यह मच्छरों, काटने वाली मक्खियों और कुटकी जैसे आर्थ्रोपोड वेक्टर द्वारा फैलता है।
- इस रोग में 2-3 दिन के लिए हल्का बुखार होता है, इसके बाद पूरे शरीर में त्वचा पर कठोर, गोल त्वचीय गांठ (व्यास में 2-5 सेमी) बन जाते हैं। पशुओं में दूध की कमी हो जाती है, भूख नहीं लगती, आंख व नाक से पानी बहने लगता है और सांस लेने में कठिनाई होती है।
- फिलहाल इसका कोई इलाज नहीं है। इसलिए, टीकाकरण द्वारा रोकथाम ही प्रसार को नियंत्रित करने का एकमात्र प्रभावी साधन है।
- ऐतिहासिक रूप से, LSD अफ्रीका और पश्चिम एशिया के कुछ हिस्सों तक ही सीमित रहा है, जहां यह पहली बार 1929 में पाया गया था। भारत में, इस बीमारी का पहला मामला मई 2019 में ओडिशा से सामने आया था।
- भारत में मवेशियों की संख्या 303 मिलियन है, जोकि विश्व में सर्वाधिक है।
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