हार्लेक्विन इक्थ्योसिस
- 22 May 2021
अप्रैल 2021 में ओडिशा राज्य ने ‘हार्लेक्विन इक्थ्योसिस' (harlequin ichthyosis) रोग के साथ पैदा हुए बच्चे का पहला मामला दर्ज किया।
महत्वपूर्ण तथ्य: ‘हार्लेक्विन इक्थ्योसिस’ एक दुर्लभ आनुवंशिक विकार है। यह रोग 30 लाख जन्मे बच्चों में से एक को प्रभावित करता है।
- यह माता-पिता से विरासत में मिले उत्परिवर्तित जीन के कारण होता है। इस रोग में बच्चों के शरीर पर सामान्य त्वचा की जगह सूखी, पपड़ीदार 'मछली' की तरह त्वचा होती है। इसलिए शब्द 'इक्थ्योसिस', मछली के लिए ग्रीक शब्द 'इक्थस' से लिया गया है।
- ‘एबीसीए 12 जीन’ (ABCA 12 gene) में उत्परिवर्तन हार्लेक्विन इक्थ्योसिस का कारण बनता है। ABCA12 प्रोटीन कोशिकाओं में वसा के परिवहन में एक प्रमुख भूमिका निभाता है, जो त्वचा की सबसे बाहरी परत बनाती है।
- यह रोग दुर्लभ है और दुनिया भर में केवल कुछ ही मामले दर्ज किए गए हैं। दुनिया भर में लगभग 200 से 250 ऐसे मामले सामने आए हैं।
- भारत में हार्लेक्विन इक्थ्योसिस के साथ पैदा हुए बच्चे का पहला मामला 2016 में महाराष्ट्र के नागपुर के एक निजी अस्पताल में दर्ज किया गया था।
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