डिपकोवैन
- 22 May 2021
मई 2021 में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की प्रयोगशाला ‘डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ फिजियोलॉजी एण्ड एलाइड साइंसेज’ (Defence Institute of Physiology and Allied Sciences- DIPAS) ने सीरो-निगरानी के लिए एंटीबॉडी पहचान आधारित किट ‘डिपकोवैन’ (DIPCOVAN), डिपास-वीडीएक्स कोविड-19 IgG एंटीबॉडी माइक्रोवेल एलिसा (DIPAS-VDx COVID-19 IgG Antibody Microwell ELISA) विकसित की है।
महत्वपूर्ण तथ्य: डिपकोवैन का उद्देश्य मानव सीरम या प्लाज्मा में गुणात्मक दृष्टि से IgG एंटीबॉडी का पता लगाना है, जो सार्स सीओवी-2 से संबंधित एंटीजेन लक्षित करता है।
- डिपकोवैन किट 97% उच्च संवेदनशीलता और 99% विशिष्टता के साथ सार्स सीओवी-2 वायरस के ‘स्पाइक के साथ-साथ न्यूक्लियोकैप्सिड प्रोटीन’ (spike as well as nucleocapsid proteins) दोनों का पता लगा सकती है।
- यह किट नई दिल्ली स्थित कंपनी ‘वैनगार्ड डायग्नोस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड’ (Vanguard Diagnostics Pvt Ltd) के सहयोग से विकसित की गई है।
- इससे परिणाम मिलने में केवल 75 मिनट का समय लगता है। किट के उपयोग हेतु जीवन काल (shelf life) 18 महीने का है।
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
राष्ट्रीय
- राजनीति और प्रशासन
- अवसंरचना
- आंतरिक सुरक्षा
- आदिवासियों से संबंधित मुद्दे
- कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ
- कार्यकारी और न्यायपालिका
- कार्यक्रम और योजनाएँ
- कृषि
- गरीबी और भूख
- जैवविविधता संरक्षण
- पर्यावरण
- पर्यावरण प्रदूषण, गिरावट और जलवायु परिवर्तन
- पारदर्शिता और जवाबदेही
- बैंकिंग व वित्त
- भारत को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह
- भारतीय अर्थव्यवस्था
- रक्षा और सुरक्षा
- राजव्यवस्था और शासन
- राजव्यवस्था और शासन
- रैंकिंग, रिपोर्ट, सर्वेक्षण और सूचकांक
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- शिक्षा
- सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
- सांविधिक, विनियामक और अर्ध-न्यायिक निकाय
- स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे