प्लाज्मा थेरेपी को कोविड-19 उपचार दिशा-निर्देशों से हटाया गया
- 18 May 2021
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की 17 मई, 2021 की एडवाइजरी के अनुसार, कोविड-19 के लिए अनुशंसित उपचार दिशा-निर्देशों से स्वस्थ हो चुके मरीजों के प्लाज्मा (convalescent plasma) के उपयोग को हटा दिया गया है।
महत्वपूर्ण तथ्य: हालांकि पिछले साल आईसीएमआर द्वारा 400 मरीजों पर किये गए परीक्षण, जिसे प्लासिड परीक्षण (PLACID trial) कहा जाता है, में यह पाया गया था कि प्लाज्मा के उपयोग से कोई महत्वपूर्ण लाभ नहीं मिला था, फिर भी प्लाज्मा थेरेपी के ‘ऑफ लेबल' इस्तेमाल की सिफारिश की गई थी।
- कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के प्लाज्मा के उपयोग से वायरस के नए चिंताजनक उत्परिवर्तन को सुगम बनाने में भी भूमिका हो सकती है।
- हाल ही में, ब्रिटिश मेडिकल जर्नल, लैंसेट ने इस बात की पुष्टि करते हुए पुख्ता सबूत प्रकाशित किए कि प्लाज्मा कोविड-19 से अस्पताल में होने वाली मौतों को कम करने में प्रभावी नहीं है।
रक्त प्लाज्मा: प्लाज्मा रक्त का तरल भाग है। हमारे रक्त का लगभग 55% प्लाज्मा है, और शेष 45% लाल रक्त कोशिकाएं, श्वेत रक्त कोशिकाएं और प्लेटलेट्स हैं, जो प्लाज्मा में निलंबित हैं।
- प्लाज्मा लगभग 92% पानी है। इसमें एल्ब्यूमिन, गामा ग्लोब्युलिन जैसे 7% महत्वपूर्ण प्रोटीन और 1% खनिज लवण, शर्करा, वसा, हार्मोन विटामिन भी होते हैं।
- प्लाज्मा थेरेपी एक चिकित्सा प्रक्रिया है, जो एक स्वस्थ रोगी के रक्त का उपयोग संक्रमित व्यक्तियों पर एंटीबॉडी बनाने के लिए करती है।
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