पश्चिम बंगाल सरकार करेगी विधान परिषद का गठन
- 18 May 2021
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अध्यक्षता में 17 मई, 2021को हुई कैबिनेट की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार पश्चिम बंगाल सरकार विधान परिषद का गठन करेगी।
महत्वपूर्ण तथ्य: विधान परिषद की स्थापना के लिए, एक विधेयक को विधान सभा में पेश करना होता है और फिर राज्यपाल की मंजूरी की आवश्यकता होती है।
- पश्चिम बंगाल विधान परिषद की स्थापना 1952 में हुई थी, लेकिन 1969 में संयुक्त मोर्चा सरकार द्वारा इसे समाप्त कर दिया गया था।
विधान परिषद: संसद में लोक सभा की तरह राज्य में विधान सभा निचला सदन होता है। विधान परिषद राज्य में उच्च सदन है और यह राज्य सभा की तरह एक स्थायी सदन है।
- विधान परिषद के सदस्यों का कार्यकाल छ: साल का होता है और सदन के एक-तिहाई सदस्य हर दो साल बाद सेवानिवृत्त होते हैं।
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 169 के तहत, संसद किसी राज्य में विधान परिषद का सृजन या इसकी समाप्ति कर सकती है, यदि उस राज्य की विधान सभा द्वारा विशेष बहुमत से इस आशय का प्रस्ताव पारित किया गया हो।
- संविधान के अनुच्छेद 171 के अनुसार, विधान परिषद के कुल सदस्यों की संख्या राज्य विधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या के एक-तिहाई से अधिक नहीं होगी, किंतु यह सदस्य संख्या 40 से कम नहीं होनी चाहिये।
विधान परिषद सदस्यों का चुनाव: इस सदन के एक- तिहाई सदस्य विधान सभा द्वारा, एक- तिहाई स्थानीय निकायों जैसे- नगरपालिका या अन्य स्थानीय अधिकारियों द्वारा; 1/12 सदस्य को ऐसे राज्य के स्नातकों द्वारा चुना जाता है, जिन्होंने तीन वर्ष पूर्व स्नातक किया हो; 1/12 सदस्यों को 3 वर्षों से अध्यापन कार्य में लगे शिक्षकों द्वारा; तथा लगभग 1/6 सदस्य राज्यपाल द्वारा मनोनीत किए जाते हैं।
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