धुआंरहित शवदाह प्रणाली
- 17 May 2021
मई 2021 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), रोपड़ ने एकगतिशील विद्युत शवदाह प्रणाली का एक मॉडल विकसित किया है, जो अपनी तरह की पहली तकनीक का उपयोग करने का दावा करता है, जिसमें लकड़ी का इस्तेमाल करने के बावजूद धुआंरहित शवदाह (smokeless cremation) होता है।
महत्वपूर्ण तथ्य: यह शवदाह के लिए जरूरी लकड़ी की आधी मात्रा का ही इस्तेमाल करता है और दहन वायु प्रणाली के उपयोग के चलते यह पर्यावरण अनुकूल भी है।
- यह बत्ती-स्टोव प्रौद्योगिकी (wick-stove technology) पर आधारित है, जिसमें जब बत्ती जलती है तो पीली चमकती है। इसे बत्तियों के ऊपर स्थापित दहन वायु प्रणाली की मदद से धुआंरहित नीली लौ (smokeless blue flame) में परिवर्तित किया जाता है।
- शवदाह प्रणाली या भट्टी 1044 डिग्री सेल्सियस तक गर्म होता है, जो पूर्ण रोगाणुनाश सुनिश्चित करता है।
- औद्योगिक परामर्श एवं प्रायोजित अनुसंधान एवं उद्योग सहभागिता (Industrial Consultancy and Sponsored Research and Industry Interaction- ICSR&II) के डीन आईआईटी प्रोफेसर डॉ. हरप्रीत सिंह ने इस प्रणाली को विकसित किया है।
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