साइबर अपराध स्वयंसेवक कार्यक्रम
- 13 May 2021
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि, ‘पुलिस’ संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत एक ‘राज्य का विषय’ है, इसलिए वह ‘साइबर अपराध स्वयंसेवक कार्यक्रम’(cybercrime volunteer programme) के तहत नामांकित होने वाले स्वयंसेवकों की केंद्रीकृत सूची नहीं बनाता है।
महत्वपूर्ण तथ्य: गृह मंत्रालय ने कहा कि इस बारे में, संबंधित राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से सीधे जानकारी मांगी जा सकती है।
साइबर अपराध स्वयंसेवक कार्यक्रम: भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (Indian Cyber Crime Coordination Centre- I4C) द्वारा देश की सेवा करने का जूनून रखने वाले नागरिकों को एक साथ एक मंच पर लाने और देश में साइबर अपराध के खिलाफ लड़ाई में योगदान करने हेतु ‘साइबर अपराध स्वयंसेवी कार्यक्रम’ की परिकल्पना की गई है।
- संबंधित राज्य / संघ शासित क्षेत्रों द्वारा, आवश्यकतानुसार, स्वयंसेवकों को पंजीकृत और उनकी सेवाओं का उपयोग किया जाता है।
अन्य तथ्य: भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) की स्थापना साइबर अपराध के खिलाफ लड़ाई में राष्ट्रीय स्तर पर एक नोडल बिंदु के रूप में कार्य करने के लिए गृह मंत्रालय (MHA) के तहत की गई है। I4C की स्थापना की योजना 415.86 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ अक्टूबर 2018 में अनुमोदित की गई थी।
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