विधिक माप-पद्धति (पैक की हुई वस्तुएं) नियम 2011
- 13 May 2021
केंद्र सरकार ने 30 अप्रैल, 2021 को विधिक माप-पद्धति (पैकेजिंग नियम 2011) के तहत मंजूरी के लिए शर्तों में ढील देकर महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरणों के आयात को आसान बनाया है।
महत्वपूर्ण तथ्य: विधिक माप-पद्धति (पैक की हुई वस्तुएं), नियम 2011 के अंतर्गत, आयात करने से पहले अनुमोदन प्राप्त करना अनिवार्य है।
- लेकिन, कोविड-19 महामारी की स्थिति को देखते हुए और चिकित्सा उपकरणों की मांग को पूरा करने के लिए भारत सरकार के उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा चिकित्सा उपकरणों के आयातकों को तीन महीने के लिए, कुछ निश्चित चिकित्सा उपकरणों के आयात की अनुमति दी गई है।
विधिक माप-पद्धति अधिनियम 2009: विधिक माप-पद्धति अधिनियम 2009 (Legal Metrology Act 2009) का प्रबंधन उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा किया जाता है।
- यह अधिनियम, मापक और माप उपकरणों पर वैधानिक अनिवार्यताओं को लागू करने का प्रावधान करता है।
- विधिक माप-पद्धति का उद्देश्य, तौल और माप की सटीकता एवं सुरक्षा की दृष्टि से सार्वजनिक गारंटी सुनिश्चित करना है।
अन्य तथ्य: विधिक माप-पद्धति (पैक की हुई वस्तुएं), नियम 2011 मुख्य रूप से यह सुनिश्चित करने के लिए है, कि उपभोक्ता पूर्व-पैक वस्तुओं को खरीदने से पहले इन पर लिखी आवश्यक घोषणाओं के बारे में पढ़े और सही विकल्प चुनने में सक्षम हो।
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