मीडिया रिपोर्टों पर रोक लगाने संबंधी निर्वाचन आयोग की याचिका खारिज
- 08 May 2021
उच्चतम न्यायालय ने 6 मई, 2021 को मद्रास उच्च न्यायालय की खंडपीठ द्वारा की गई मौखिक टिप्पणी पर रिपोर्टिंग करने से मीडिया को प्रतिबंधित करने हेतु भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया है।
महत्वपूर्ण तथ्य: मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायधीशों ने कहा था कि तमिलनाडु विधान सभा चुनाव के दौरान रैलियों और सामूहिक समारोहों की अनुमति देने के लिए मतदान अधिकारियों पर "हत्या" का आरोप लगाया जाना चाहिए। न्यायाधीशों ने टिप्पणी की थी कि भारत का निर्वाचन आयोग पूरी तरह से कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के लिए जिम्मेदार है।
उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी: न्यायाधीशों और वकीलों के बीच अदालतों में मौखिक आदान-प्रदान सहित अदालती कार्यवाही की रियलटाइम रिपोर्ट, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का हिस्सा है।
- नागरिकों को यह जानने का अधिकार है कि न्यायिक कार्यवाहियों के दौरान क्या कार्यवाही होती है।
- प्रौद्योगिकी के आगमन के साथ, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से रिपोर्टिंग का प्रसार हो रहा है, जो कि रियलटाइम में व्यापक रूप से लोगों तक अपडेट प्रदान करते हैं। यह वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का एक विस्तार है, जो मीडिया के पास है।
- अदालत ने कहा कि बाल यौन शोषण और वैवाहिक मुद्दों के मामलों को छोड़कर, मुक्त प्रेस को अदालती कार्यवाही तक विस्तारित किया जाना चाहिए।
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