वैश्विक नवाचार साझेदारी
- 07 May 2021
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 5 मई, 2021 को ‘वैश्विक नवाचार साझेदारी’ (Global Innovation Partnership- GIP) पर भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की अनुमति प्रदान की, जो पूर्व रूप से प्रभावी होगी।
महत्वपूर्ण तथ्य: यह समझौता-ज्ञापन भारतीय विदेश मंत्रालय और यूनाइटेड किंगडम के विदेश, राष्ट्रमंडल एवं विकास कार्यालय के बीच हो रहा है।
- GIP भारत के अन्वेषकों को अन्य देशों में अपने नवाचार का विकास करने में मदद करेगी। इससे नये बाजार मिलेंगे और अन्वेषक आत्मनिर्भर बनेंगे।
- GIP नवाचार, सतत विकास लक्ष्य संबंधी क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित करेगा, ताकि लाभार्थी देश अपने-अपने सतत विकास लक्ष्यों को हासिल कर सकें।
- बुनियादी वित्तपोषण (seed funding), अनुदान, निवेश और तकनीकी सहयोग के जरिये यह साझेदारी भारतीय उद्यमियों और अन्वेषकों की सहायता करेगी।
- GIP से ‘खुला और समावेशी ई-मार्केट प्लेस (ई-बाजार)’ भी विकसित होगा, जिसके तहत बाजारों के बीच नवाचार का अंतरण होगा।
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
राष्ट्रीय
- राजनीति और प्रशासन
- अवसंरचना
- आंतरिक सुरक्षा
- आदिवासियों से संबंधित मुद्दे
- कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ
- कार्यकारी और न्यायपालिका
- कार्यक्रम और योजनाएँ
- कृषि
- गरीबी और भूख
- जैवविविधता संरक्षण
- पर्यावरण
- पर्यावरण प्रदूषण, गिरावट और जलवायु परिवर्तन
- पारदर्शिता और जवाबदेही
- बैंकिंग व वित्त
- भारत को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह
- भारतीय अर्थव्यवस्था
- रक्षा और सुरक्षा
- राजव्यवस्था और शासन
- राजव्यवस्था और शासन
- रैंकिंग, रिपोर्ट, सर्वेक्षण और सूचकांक
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- शिक्षा
- सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
- सांविधिक, विनियामक और अर्ध-न्यायिक निकाय
- स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे