लिथियम आयन बैटरी की दक्षता बढ़ाने की तकनीक
- 09 Apr 2021
अप्रैल 2021 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-गुवाहाटी के शोधकर्ताओं की एक टीम ने इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) में इस्तेमाल होने वाले 'पुनः चार्ज करने योग्य लिथियम आयन बैटरी' (rechargeable lithium-ion batteries) की दक्षता बढ़ाने की तकनीक विकसित की है।
महत्वपूर्ण तथ्य: उन्नत तकनीक एक बैटरी के सबसे महत्वपूर्ण आंतरिक पहलुओं में से एक, आवेश की स्थिति (State Of Charge- SOC) का सटीक अनुमान लगा सकती है। यदि SOC 100% है, तो यह बैटरी (सेल) के पूरी तरह से चार्ज होने को इंगित करता है। इससे बैटरी की शेष क्षमता की जानकारी मिलती है।
- शेष क्षमता की जानकारी बैटरी की दक्षता उपयोग को अनुकूलित करने में मदद करता है, इसकी ओवरचार्जिंग और अंडरचार्जिंग को रोकता है, इसके जीवनकाल को बढ़ाता है, लागत कम करता है, और बैटरी की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
- यह शोध वैज्ञानिक पत्रिका 'आईईईई ट्रांजेक्शंस ऑन सर्किट एंड सिस्टम I: रेगुलर पेपर्स' (IEEE Transactions on Circuit and System I: Regular Papers) में प्रकाशित हुआ है।
- लिथियम आयन बैटरी कम कार्बन उत्सर्जन, उच्च ऊर्जा घनत्व, कम डिस्चार्ज दर और कम रखरखाव लागत के कारण सेलफोन और लैपटॉप में प्रयोग की जाती है। ये व्यापक रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों, एकीकृत स्मार्ट ग्रिड और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के माइक्रोग्रिड में उपयोग की जा रही हैं।
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