महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में एक क्षेत्र जैव विविधता विरासत स्थल नामित
- 06 Apr 2021
महाराष्ट्र सरकार ने 31 मार्च, 2021 को सिंधुदुर्ग जिले के पश्चिमी घाट में अंबोली में उस क्षेत्र को जैव विविधता विरासत स्थल के रूप में घोषित किया है, जहां एक दुर्लभ मीठे पानी की मछली की प्रजाति को खोजा गया था।
महत्वपूर्ण तथ्य: मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे एवं वन्यजीव शोधकर्ता तेजस ठाकरे और उनकी टीम ने सिंधुदुर्ग जिले की सावंतवाड़ी तहसील में अंबोली के पास मीठे पानी की नई मछली प्रजाति 'शिस्टुरा हिरण्यकेशी' (Schistura Hiranyakeshi) की खोज की थी।
- ‘शिस्टुरा हिरण्यकेशी’ शिस्टुरा (बहते पानी की एक प्रकार की छोटी मछली) की एक दुर्लभ उप-प्रजाति (sub-species of Schistura) है।
- मछली का नाम अंबोली गांव के पास हिरण्यकेशी नदी के नाम पर रखा गया था।
- शिस्टुरा एक छोटी और रंगीन मछली है, जो ऑक्सीजन की प्रचुर मात्रा वाली मीठे पानी और जल-धाराओं में निवास करती है।
- इन मीठे पानी की प्रजातियों के निवास स्थान को जैव-विविधता विरासत स्थल घोषित करने का निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि यह दुर्लभ प्रजाति मछली पकड़ने की गतिविधियों के कारण विलुप्त होने के कगार पर पहुँच सकती है।
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