विशिष्ट भूखंड पहचान संख्या योजना
- 05 Apr 2021
लोकसभा में प्रस्तुत की गई संसदीय स्थायी समिति की एक रिपोर्ट के अनुसार विशिष्ट भूखंड पहचान संख्या (Unique Land Parcel Identification Number- ULPIN) योजना को इस साल (2020-21 में) कुछ राज्यों में शुरू किया गया है और मार्च 2022 तक देश भर में लागू किया जाएगा।
महत्वपूर्ण तथ्य: केंद्र की एक वर्ष के भीतर देश के प्रत्येक भूखंड को 14 अंकों की पहचान संख्या जारी करने की योजना है।
- इसे 'भूमि के लिए आधार' (Aadhaar for land) के रूप में वर्णित किया गया है, एक संख्या जो भूमि के प्रत्येक सर्वेक्षण किए गए भूखंड की विशिष्ट रूप से पहचान करेगी तथा विशेष रूप से ग्रामीण भारत में, जहाँ आमतौर पर भूमि-अभिलेख काफी पुराने तथा विवादित होते हैं, भूमि-संबंधी धोखाधड़ी पर रोक लगाएगी।
- भूखंड की पहचान भूखंड के देशांतर और अक्षांश निर्देशांक के आधार पर की जाएगी, और विस्तृत सर्वेक्षण और भू-संदर्भित भू-सम्पत्ति मानचित्रों (geo-referenced cadastral maps) पर निर्भर होगी।
- इस योजना की जानकारी 'डिजिटल इंडिया भू-अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम' (DILRMP) के भाग के रूप में लोकसभा में प्रस्तुत की गई एक संसदीय स्थायी समिति की रिपोर्ट में दी गई।
- डिजिटल इंडिया भू-अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम को 2008 में शुरू किया गया था और इसे कई बार विस्तारित किया गया है।
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