आवर्ती ऑनलाइन लेनदेन पर ई-अधिदेश की प्रक्रिया रूपरेखा
- 02 Apr 2021
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 31 मार्च, 2021 को बैंकों और भुगतान एग्रीगेटर्स को छ: महीने की राहत देते हुए 'आवर्ती ऑनलाइन लेनदेन पर ई-अधिदेश की प्रक्रिया के लिए रूपरेखा' (framework for processing e-mandates on recurring online transactions) के अनुपालन की समय सीमा बढ़ाकर 30 सितंबर, 2021 तक कर दी।
- अगस्त 2019 में, आरबीआई ने आवर्ती ऑनलाइन लेनदेन संबंधित यह रूपरेखा जारी की थी। प्रारंभ में कार्ड और वालेट के लिए लागू रूपरेखा को जनवरी 2020 में यूपीआई लेनदेनों को शामिल करने के लिए बढ़ाया गया था।
- आवर्ती ऑनलाइन भुगतानों के उपयोग में ग्राहक सुविधा और सुरक्षा के हित में, पंजीकरण के दौरान और प्रथम लेनदेन (बाद के लेनदेन के लिए 2,000 रुपए तक की छूट जिसे 5,000 रुपए तक बढ़ाया गया), साथ ही पूर्व लेन-देन अधिसूचना, अधिदेश वापस लेने की सुविधा आदि में उक्त रूपरेखा ने एडीशनल फैक्टर ऑफ ऑथेंटिकेशन (एएफए) का उपयोग अनिवार्य किया था।
- रूपरेखा का प्राथमिक उद्देश्य ग्राहकों को धोखाधड़ी के लेनदेन से बचाना और ग्राहक सुविधा को बढ़ाना था।
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
राष्ट्रीय
- राजनीति और प्रशासन
- अवसंरचना
- आंतरिक सुरक्षा
- आदिवासियों से संबंधित मुद्दे
- कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ
- कार्यकारी और न्यायपालिका
- कार्यक्रम और योजनाएँ
- कृषि
- गरीबी और भूख
- जैवविविधता संरक्षण
- पर्यावरण
- पर्यावरण प्रदूषण, गिरावट और जलवायु परिवर्तन
- पारदर्शिता और जवाबदेही
- बैंकिंग व वित्त
- भारत को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह
- भारतीय अर्थव्यवस्था
- रक्षा और सुरक्षा
- राजव्यवस्था और शासन
- राजव्यवस्था और शासन
- रैंकिंग, रिपोर्ट, सर्वेक्षण और सूचकांक
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- शिक्षा
- सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
- सांविधिक, विनियामक और अर्ध-न्यायिक निकाय
- स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे