खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक 2021
- 27 Mar 2021
संसद द्वारा 22 मार्च, 2021 को खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक 2021 पारित किया गया।
- महत्वपूर्ण तथ्य: यह विधेयक खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 में संशोधन करता है। यह अधिनियम भारत में खनन क्षेत्र को नियंत्रित करता है।
- कोई भी खान विशेष अंतिम उपयोग (जैसे कि स्टील प्लांट के लिए लौह अयस्क की खान) के लिए आरक्षित नहीं होगी। अंतिम उपयोग के लिए आरक्षित खानों को कैप्टिव खान (captive mines) कहा जाता है।
- विधेयक यह प्रावधान करता है कि कैप्टिव खान (परमाणु खनिजों के अलावा) अपनी स्वयं की जरूरतों को पूरा करने के बाद खुले बाजार में अपने वार्षिक खनिज उत्पादन का 50% तक बेच सकते हैं। केंद्र सरकार एक अधिसूचना के माध्यम से इस सीमा को बढ़ा सकती है।
- विधेयक केंद्र सरकार को नीलामी प्रक्रिया पूरी करने के लिए एक समय अवधि निर्दिष्ट करने का अधिकार देता है। राज्य सरकार द्वारा इस अवधि के भीतर नीलामी प्रक्रिया को पूरा करने में असमर्थ होने पर नीलामी केंद्र सरकार द्वारा आयोजित की जा सकती है।
- नए पट्टेदार को खानों की लीज दो वर्ष की अवधि के लिये दी जाती है। इन दो वर्षों के दौरान नए पट्टेदार को नई मंजूरियां हासिल करनी होती हैं। विधेयक यह प्रावधान करता है कि हस्तांतरित वैधानिक मंजूरियां नए पट्टेदार की पूरी लीज अवधि के दौरान वैध रहेंगी।
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