असम के आदिवासी क्षेत्रों में पंचायत प्रणाली शुरू करने की कोई योजना नहीं
- 24 Mar 2021
गृह मंत्रालय ने 23 मार्च, 2021 को लोक सभा को सूचित किया कि वर्तमान में, असम की छठी अनुसूची वाले आदिवासी क्षेत्रों में पंचायत प्रणाली को लागू करने का कोई योजना नहीं है।
महत्वपूर्ण तथ्य: संविधान की छठी अनुसूची आदिवासी आबादी की रक्षा करती है और स्वायत्त विकास परिषदों के निर्माण के माध्यम से समुदायों को स्वायत्तता प्रदान करती है, जो भूमि, सार्वजनिक स्वास्थ्य, कृषि और अन्य पर कानून बना सकते हैं।
- वर्तमान में, 10 स्वायत्त परिषद् असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम में मौजूद हैं।
- निर्दिष्ट आदिवासी क्षेत्रों में असम में उत्तरी कछार हिल्स, कार्बी आंगलोंग और बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद्; मेघालय में खासी हिल्स, जयंतिया हिल्स और गारो हिल्स; त्रिपुरा में जनजातीय क्षेत्र; और मिजोरम में चकमा, मारा और लाई स्वायत्त जिला परिषद् हैं।
- 23 जनवरी, 2019 को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्वायत्त परिषदों की वित्तीय और कार्यकारी शक्तियों को बढ़ाने के लिए संशोधनों को मंजूरी दी थी।
- असम में बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद् के लिए 1,500 करोड़ रुपए (केंद्र व राज्य प्रत्येक के द्वारा 750 करोड़ रुपए) के विशेष विकास पैकेज पर सहमति व्यक्त की गई है।
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