ग्रेट निकोबार द्वीप के लिए नीति आयोग की समग्र और सतत विकास योजना
- 23 Mar 2021
अंडमान और निकोबार समूह में सबसे दक्षिण में 'ग्रेट निकोबार द्वीप के लिए नीति आयोग की समग्र और सतत विकास योजना' (NITI Aayog-piloted ‘holistic’ and ‘sustainable’ vision for Great Nicobar Island) के पहले चरण के लिए 150 वर्ग किमी. से अधिक की भूमि उपलब्ध कराई जा रही है।
महत्वपूर्ण तथ्य: यह इस द्वीप का लगभग 18% हिस्सा है और इसके तट के लगभग एक चौथाई को कवर करेगा। समग्र योजना में लगभग 244 वर्ग किमी. के उपयोग की परिकल्पना की गई है, जिसमें अधिकतर प्राचीन समय के वन और तटीय प्रणालियों का एक बड़ा हिस्सा है।
- पहले चरण में निष्पादित होने वाली परियोजनाओं में एक 22 वर्ग किमी. हवाई अड्डा परिसर, साऊथ बे (south bay) में 12,000 करोड़ रुपए की लागत का एक माल आवाजाही बंदरगाह (TSP), एक समानांतर- तटीय विशाल रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम (rapid transport system) और दक्षिण पश्चिमी तट पर एक मुक्त व्यापार क्षेत्र और वेयरहाउसिंग परिसर शामिल है।
- 2020 के मध्य में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह एकीकृत विकास निगम (ANIIDCO) को इस प्रक्रिया के लिए नोडल एजेंसी के रूप में नामित किया गया था।
- जनवरी 2021 में, राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) की स्थायी समिति ने वहाँ बंदरगाह के लिए अनुमति देने के लिए पूरे 'गैलाथिया बे वन्यजीव अभयारण्य' (Galathea Bay Wildlife Sanctuary) को निरस्त (denotify)कर दिया था।
परियोजना का प्रभाव: निकोबार में विशेष रूप से विश्व स्तर का संकटग्रस्त पक्षी 'निकोबार मेगापोड' (Nicobar megapode) पाया जाता है।
- प्रस्तावित परियोजना से 'शोम्पेन समुदाय' पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर भी चिंताएं हैं, जो इस शिकारी-समूह के खानाबदोश समुदाय के लिए भोजन की तलाश हेतु महत्वपूर्ण स्थान है।
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