महामारी से भारत में गरीबी दोगुनी होने का अनुमान
- 22 Mar 2021
18 मार्च, 2021 को वाशिंगटन, डी.सी. स्थित एक अमेरिकी थिंक टैंक 'प्यू रिसर्च सेंटर' (Pew Research Center) के एक विश्लेषण के अनुसार, भारत के मध्यम वर्ग की आबादी 2020 की महामारी जनित मंदी के कारण एक तिहाई तक सिकुड़ सकती है, जबकि प्रति दिन 150 रुपए से कम आय वाले गरीब लोगों की संख्या दोगुनी से अधिक होने का अनुमान है।
महत्वपूर्ण तथ्य: तुलनात्मक रूप से, चीनी लोगों की आय कमोबेश उतनी ही रहने का अनुमान है, जबकि चीन की मध्यम वर्ग की आबादी में सिर्फ 2% की गिरावट दर्ज होने की संभावना है।
- 2020 में मंदी के परिणामस्वरूप भारत में मध्यम वर्ग की आबादी 3.2 करोड़ तक सिकुड़ जाने का अनुमान है अर्थात 3.2 करोड़ लोग मध्यम वर्ग से बाहर हो गए हैं।
- रिपोर्ट में मध्यम वर्ग को लगभग 700 रुपए-1,500 रुपए प्रतिदिन या 10 डॉलर -20 डॉलर प्रतिदिन आय वाले लोगों के रूप में परिभाषित किया गया है।
- इस बीच, कोविड-19 मंदी के कारण भारत में (प्रतिदिन 2 डॉलर या उससे कम आय वाले) गरीब लोगों की संख्या 7.5 करोड़ बढ़ी है। यह वैश्विक गरीबी में लगभग 60% वृद्धि के लिए जिम्मेदार है।
- इसने प्रमाण के रूप में मनरेगा के तहत काम करने वालों की रिकॉर्ड वृद्धि का जिक्र किया है कि गरीब लोग काम की तलाश के लिए संघर्ष कर रहे थे।
- भारत की अधिकांश आबादी निम्न आय वर्ग (प्रति दिन लगभग 150 रुपए से 700 रुपए) में आती है।
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