'गर्भावस्था में मधुमेह प्रबंधन' के लिए दिशा-निर्देश
- 20 Mar 2021
10 मार्च, 2021 को राष्ट्रीय गर्भावधि मधुमेह जागरूकता दिवस के अवसर पर केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने 'डायबिटीज इन प्रेग्नेंसी स्टडी ग्रुप ऑफ इंडिया’ (The Diabetes in Pregnancy Study Group India- DIPSI) द्वारा तैयार 'गर्भावस्था में मधुमेह प्रबंधन' संबंधित दिशा-निर्देश जारी किए।
महत्वपूर्ण तथ्य: कोई भी नैदानिक मानदंड और प्रक्रिया सरल, किफायती और साक्ष्य आधारित होनी चाहिए।
- गर्भावधि मधुमेह मेलेटस (Gestational Diabetes Mellitus- GDM) के लिए 'एकल परीक्षण प्रक्रिया' (Single Test Procedure) को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, विश्व स्वास्थ्य संगठन, अंतरराष्ट्रीय प्रसूतिशास्र और प्रसूतिविदों के संघ (FIGO) और अंतरराष्ट्रीय मधुमेह महासंघ (IDF) द्वारा अनुमोदित किया गया है।
- यह परीक्षण गर्भवती महिला की नियमित गतिविधियों में कम से कम व्यवधान का कारण बनता है। यह स्क्रीनिंग और नैदानिक प्रक्रिया दोनों के रूप में कार्य करता है।
- गर्भावधि मधुमेह मेलेटस (GDM) को गर्भावस्था के दौरान ग्लूकोज असहिष्णुता की किसी भी स्तर के रूप में शुरुआती या पहली पहचान के रूप में परिभाषित किया जाता है।
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 2014 में राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों के तहत GDM के लिए नियमित रूप से प्रसवपूर्व पैकेज के तहत सभी गर्भवती महिलाओं की स्क्रीनिंग अनिवार्य कर दी थी। इसके बाद, मंत्रालय ने 2018 में GDM के निदान और प्रबंधन के लिए दिशा-निर्देशों को संशोधित किया था।
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